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यूं भी कहा गया है कि परिस्‍थिति चाहे जैसी हो, अगर आप खुश हैं तो सब आसान हो जाएगा। इस बात को अब विशेषज्ञों ने भी मान लिया है। उनका कहना है कि बुढ़ापे में खुशहाल रहने वाले बुजुर्ग लोग लंबा और निरोग जीवन जीते हैं। यह जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है। शोधकर्ताओं के इस समूह में भारतीय मूल का एक व्यक्ति भी शामिल है।

यह अध्‍ययन सिंगापुर में ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल में किया गया। प्रमुख शोधकर्ता और संस्‍थान में सहायक प्रोफेसर राहुल मल्होत्रा ने कहा कि अध्‍ययन में पता चला है कि प्रसन्नता में थोड़ी सी बढ़ोतरी भी बुजुर्ग लोगों की उम्र बढ़ाने में फायदेमंद हो सकती है। यह अध्‍ययन एज एंड एजिंग जर्नल में प्रकाशित हो चुका है। इस अध्ययन में 4,478 लोगों को शामिल किया गया था। 2009 में शुरू किया गया अध्ययन 31 दिसंबर 2015 तक जारी रहा। इसमें शुरू में खुशी और बाद में किसी भी कारण से मौत की आशंका के बीच संबंधों का अध्ययन किया गया।

मल्होत्रा ने कहा कि इस तरह से खुशी या मनोवैज्ञानिक तंदुस्ती को बनाए रखने या सुधारने वाली व्यक्तिगत स्तर की गतिविधियों के साथ-साथ सरकारी नीति और कार्यक्रम से बुजुर्ग लोग दीर्घायु हो सकते हैं। इस सर्वेक्षण को सिंगापुर में रहने वाले 60 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों पर केन्द्रित रखा गया था।

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