
नेशनल डेस्क ।। सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा घमासान सियासी गर्माहट में बदलता जा रहा है। देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के खिलाफ हिन्दू संगठन और यहां तक कि देश की सत्तारूढ़ पार्टी भारती जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ खुल कर बोल चुके हैं। अब इस मामले में भाजपा की केरल इकाई के प्रमुख पी एस श्रीधरन पिल्लै के एक बयान ने इस सियायत को और भी अधिक गर्मा दिया है।
एक वीडियो क्लिप में प्रदेश अध्यक्ष को ये कहते हुए सुना गया कि देश में चल रहा सबरीमाला मंदिर विवाद भाजपा का एजेंडा है। उनके इस बयान को टीवी चैनलों ने एक वीडियो क्लिप में दिखाया है। इस वीडियो में वह कथित रूप से इस मुद्दे को पार्टी का एजेंडा बताते हुए कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि ये पार्टी के लिए गोल्डन चांस है। इतना ही नहीं इस वीडियो में वो ये भी दावा कर रहे हैं कि सबरीमाला मंदिर के प्रमुख पुजारी ने यह धमकी देने से पहले उनसे सलाह ली थी कि अगर दस से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं ने प्रवेश किया तो वह मंदिर बंद कर देंगे।
मामला कोझीकोड में आयोजित हुए भाजपा युवा मोर्चा के एक कार्यक्रम का है। जहां पर पिल्लै ने सबरीमाला को लेकर ऐसी टिप्पणी की। इस बयान पर माकपा नीत सत्तारूढ एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस ने इस बयान की कड़ी प्रतिक्रिया की। केरल उच्च न्यायालय में वकालत करने वाले अधिवक्ता पिल्लै ने कहा कि पुजारी ने कानूनी राय लेने के लिए उन्हें बुलाया था और उन्होंने कानूनी राय दी।
इस मामले में अब मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भगवान अयप्पा के सच्चे भक्तों को भाजपा का ‘‘गेम प्लान” समझना चाहिए। भाजपा की तरफ से आए इस बयान के बाद माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने पिल्लै ने कहा कि सबरीमला से संबंधित ‘‘सभी साजिशों” और भाजपा द्वारा अपनाए गये रुख की उच्चस्तरीय जांच की जाने चाहिए।