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यूपी किरण ब्यूरो

उत्तर प्रदेश।। प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार का बड़ा प्रोजेक्ट मानी जा रही 102 एंबुलेंस सेवा के संचालन में बड़ी धांधली उजागर हुई है। जांच में पाया गया है कि एजेंसी ने एक्सल शीट में फर्जी मरीजों की इंट्री कर करोड़ों का भुगतान ले लिया। इसके बाद सेवा प्रदान करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

एजेंसी की सबमिट रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग कर एनएचएम निदेशक ने इस बड़े घोटाले को सबके सामने रखा है। उन्होंने सेवा प्रदाता एजेंसी जीवीकेईएमआरआइ के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में लंबे समय से 108 व 102 एंबुलेंस संचालन का जिम्मा वीकेईएमआरआइ के पास है।

वर्ष 2012 में शुरू हुई 108 एंबुलेंस सेवा के बेड़े में कुल 1,488 वाहन शामिल हैं। वहीं वर्ष 2014 में शुरू हुई 102 एंबुलेंस सेवा में कुल 2,270 वाहनों के फर्राटा भरने के दावे किए जा रहे हैं। दोनों ही एंबुलेंस सेवा काफी दिनों से सवालों के घेरे में है।

अप्रैल में एनएचएम निदेशक आलोक कुमार ने 102 एंबुलेंस सेवा की गत महीनों की सबमिट एक्सल शीट की जांच कर धांधली का भंडाफोड़ कर दिया। कंपनी की हर माह भुगतान के लिए मुहैया कराई जाने वाली एक्सल रिपोर्ट में उन्होंने फर्जी मरीज की इंट्री पकड़ी।

प्रथम दृष्टया दो जिलों की जांच में गहरी अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने डीजी परिवार कल्याण को पत्र लिखकर एजेंसी के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिए हैं।

फर्जी केस दर्ज कर बढ़ाई ट्रिप

दरअसल, एक्सल रिपोर्ट में अधिकतर एंबुलेंस की ट्रिप एक दिन में 20 के पार जाना शंका के घेरे में आ गया। एनएचएम निदेशक आलोक कुमार के मुताबिक अप्रैल 2016 में जहां एक दिन में 20 से अधिक ट्रिप लगाने वाली एंबुलेंस की संख्या 100 थी।

वहीं फरवरी 2017 तक 20 ट्रिप करने वाली एंबुलेंस की संख्या में बाढ़ आ गई है। देखते ही देखते इनकी संख्या 2085 पहुंच गई। अचानक हर क्षेत्र की एंबुलेंस से जाने वाले मरीजों के इतनी बड़ी संख्या में केस दर्शाने पर मामले की जांच की गई है।

सीएमओ भी फसेंगे

निदेशक आलोक कुमार ने एक दिन में 20 ट्रिप करने वाली सभी एंबुलेंस की एक्सल रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग के निर्देश दिए हैं। ऐसा हुआ तो एजेंसी के साथ-साथ आंख मूंद कर रेंडम जांच कर भुगतान को हरी झंडी देने वाले सीएमओ का भी फंसना तय है।

मरीजों की फर्जी इंट्री

निदेशक, एनएचएम आलोक कुमार ने बताया कि 102 एंबुलेंस सेवा में फर्जी मरीजों की इंट्री पाई गई है। एक्सल रिपोर्ट में एक ही गांव के एक ही मरीज को कई बार दर्शाया गया है। संबंधित रेंडम जांच दोबारा कराकर कंपनी के खिलाफ एफआईआर व लापरवाह सीएमओ पर कार्रवाई के लिए डीजी परिवार कल्याण को पत्र लिखा गया है।

दर्ज होगी एफआईआर

डीजी परिवार कल्याण, डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि मुझे एनएचएम निदेशक का पत्र मिला है। एंबुलेंस में फर्जी केसों का उसमें जिक्र है, जिसकी जांच चल रही है। रिपोर्ट मिलते ही एजेंसी के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। वहीं लापरवाह सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।

फोटोः फाइल

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