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खुलासा भाग-1:

लखनऊ ।। यूपी के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने एक ऐसे व्यक्ति को यशभारती पुरस्कार दे दिया, जो अब योगी सरकार में जेल जाने की कगार पर है।

मामला कुछ ऐसा है कि एलडीए के अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए हैं। वह इस भवन को खाली करवाने की जुगत में जुट गए हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण के ओएसडी राजेश कुमार शुक्ला ने कहा है कि यह मामला गंभीर है। जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे।

राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में 3-ला-प्लास की कहानी ऐसी है कि हर कोई इसकी हकीकत जानते ही कह उठता है यह फर्जीवाड़ा बिना अधिकारियों की साठगांठ के नहीं हो सकता है।

एलडीए के इस मकान में रामेश्वर नाथ मिश्र का कारखाना चलता है। यहां पर प्राची कुटीर उद्योग के नाम से अगरबत्ती से लेकर कई सामान बनाए जाते हैं। सरकारी मकान में यह उद्योग चलाना कानूनी तौर पर अपराध है। इसके लिए रामेश्वर नाथ मिश्र की जेल भी हो सकती है, लेकिन कायदे कानून को ताक पर रखकर रामेश्वर वर्षों से ऐसा करते रहे हैं।

अखिलेश सरकार में रामेश्वर नाथ मिश्र की पहुंच ऐसी थी कि वह यशभारती पुरस्कार लेने में भी कामयाब हो गए। हालांकि संस्कृति विभाग भी इसकी जानकारी जुटाने में लग गया है कि कैसे और किन उपलब्धियों की वजह से रामेश्वर नाथ मिश्र को यशभारती पुरस्कार दिया गया।

(किसके नाम से अलाट है यह भवन और अन्य खुलासे भाग दो में किए जाएंगे।)

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