
Up Kiran, Digital Desk: रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जिसे हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व न केवल भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का उत्सव है, बल्कि यह बहन द्वारा भाई की लंबी आयु (Long Life), सुख-समृद्धि (Prosperity) और हर विपत्ति से रक्षा (Protection from Adversities) की कामना का भी प्रतीक है। वर्ष 2025 में भी यह पर्व पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा। राखी बांधने का यह शुभ अनुष्ठान (Auspicious Ritual) सिर्फ एक धागा बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहन आध्यात्मिक और पारंपरिक महत्व जुड़ा है, जिसे विशेष मंत्रों (Special Mantras) के पाठ से और अधिक शक्तिशाली बनाया जाता है।
राखी बांधते समय क्यों पढ़ें मंत्र? रक्षा सूत्र (Raksha Sutra) या राखी केवल सूत का धागा नहीं, बल्कि यह पवित्रता, सुरक्षा और अटूट प्रेम का प्रतीक है। जब बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो वह उसके लिए अपनी शुभकामनाएं, प्रार्थनाएं और प्रेम अर्पित करती है। इन मंत्रों का जाप करते हुए राखी बांधने से न केवल इस कार्य में दिव्यता आती है, बल्कि माना जाता है कि ये मंत्र भाई के चारों ओर एक सुरक्षा कवच (Protective Shield) बनाते हैं और उसे नकारात्मक ऊर्जाओं तथा बुराइयों से बचाते हैं। ये मंत्र बहन की भावना और संकल्प को देवताओं तक पहुंचाते हैं, जिससे भाई को दीर्घायु और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मिलता है। यह भी कहा जाता है कि इन मंत्रों के जाप से भाई-बहन का रिश्ता (Brother-Sister Bond) और भी मजबूत होता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और विधि (Rakhi Tying Muhurat and Procedure):
राखी हमेशा शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में ही बांधनी चाहिए ताकि इसका पूर्ण फल प्राप्त हो सके। 2025 के लिए रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त संबंधित पंचांग या विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श करके निश्चित किया जा सकता है।
राखी बांधते समय बहनें पढ़ें ये शक्तिशाली मंत्र:राखी बांधते समय सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली मंत्र "येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।" है।
मंत्र का अर्थ: जिस रक्षासूत्र से अत्यंत बलशाली दानवों के राजा बलि को बांधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बांधती हूँ। हे रक्षासूत्र! तुम चलायमान (चंचल) न रहना, चलायमान न रहना (अथवा, हे रक्षे! तुम मुझे हर संकट से बचाए रखना)।"
इस मंत्र का जाप करने से बहनें भगवान इंद्र के आशीर्वाद और राजा बलि की तरह ही अपने भाई की सुरक्षा और उसके जीवन में स्थिरता की कामना करती हैं। यह मंत्र भाई के लिए शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
आरती और मिष्ठान: राखी बांधने और मंत्र का जाप करने के बाद, बहन अपने भाई की आरती करें और उसे मिठाई खिलाएं। भाई भी अपनी बहन को आशीर्वाद दें और उसकी रक्षा का वचन दें, साथ ही अपनी क्षमता अनुसार उपहार भी दें।
यह पवित्र पर्व न केवल पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों का भी प्रतीक है, जहां प्रेम, सम्मान और सुरक्षा की भावना को सर्वोच्च रखा जाता है।
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