Up Kiran, Digital Desk: मृत्यु अंतिम सत्य है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि जो व्यक्ति इस संसार में आया है, वह जाएगा भी। ऐसे में मृत्यु से किसका डर। भगवान कार्तिकेय ने भी मृत्यु से पहले दिखाई देने वाले संकेतों के बारे में बताया है, जिन्हें स्वप्न में देखने या फिर महसूस करने पर मृत्यु संकेतक चिन्ह कहा जाता है।
भगवान कार्तिकेय कहते हैं कि ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को पेशाब और छींक एक साथ गिरते हैं, उसकी उम्र कम बताई जाती है, ऐसा मानना चाहिए। इसके अलावा जो व्यक्ति इन्द्र नीलमणि के जैसे रंग वाले सांपों के समूह को आकाश में इधर-उधर फैलते हुए देखता है, वह छह महीने भी जीवित नहीं रहता। अच्छे से स्नान करने के बाद भी जिनके हाथ और पैर जल्दी सूख जाते हैं, उसका जीवन केवल तीन महीने तक रहता है। जो इंसान जल, घी और दर्पण में अपने प्रतिबिंब का सिर नहीं देखता, वह एक महीने तक जीवित रहता है। अगर किसी की बुद्धि भ्रष्ट हो जाए और उसका मुँह से शब्द स्पष्ट न निकलें, तो यह भी मृत्यु संकेतक चिन्ह है।
अगर किसी व्यक्ति को रात में इन्द्रधनुष दिखे, या फिर दो चाँद और दो सूरज दिखाई दें, तो इन घटनाओं को मृत्युसूचक चिन्ह माना जाता है। अगर इन में से कोई एक घटना भी किसी को दिखाई दे, तो कहा जाता है कि वह ज्यादा से ज्यादा एक महीने तक जीवित रहेगा। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति ने अपने कानों को हाथ से बंद किया और किसी तरह की आवाज न सुनी हो, तो यह भी मृत्यु संकेतक है।
जिन भूत-प्रेत, पिशाच, असुर, कौवा, कुत्ते, गिद्ध, या सियार, गधा आदि सपने में दिखाई दें, तो यह संकेत माना जाता है कि व्यक्ति कष्ट में है। जो सपने में लोहे की छड़ी और काले कपड़े पहने हुए किसी काले रंग के व्यक्ति को सामने देखता है, तो कहा जाता है कि यह भी मृत्यु संकेतक चिन्ह है। यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति अचानक किसी काले-पीले व्यक्ति को देखता है, और फिर उसी क्षण वह अदृश्य हो जाता है, वह केवल दो साल और जीवित रहेगा। - यह सब स्कंदपुराण में उल्लेखित है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी पर हम दावा नहीं करते कि यह पूरी तरह से सत्य और सही है। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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