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यूपी किरण ब्यूरो
लखनऊ।।यूपी के बाराबंकी में एक ऐसा भी साईं मंदिर है, जिसकी दहलीज पर पहुंचने के बाद बाढ का पानी कम होना शुरू हो जाता है। इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों की अलग—अलग मान्यताए हैं। इस मंदिर को बाबा नारायण साईं दास मंदिर के नाम से जाना जाता है जो 1100 साल पुराना है।
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यहां के पुजारी केदारनाथ कहते हैं कि बाबा नारायण दास भगवान श्री कृष्ण का दूसरा रूप हैं। बाबा नारायण ने अपने शरीर को त्याग कर यहीं पर समाधि ली थी और इस वजह से इस स्थल पर मंदिर की स्थापना हुई।
यहां के लोगो का मानना है कि जो भी व्यक्ति पवित्र और सच्चे मन से जो भी मुराद मांगता है उसकी इच्छा पूर्ण होती है। जिसके कारण दूर-दूर से लोग यहां आते है और मन्नत मांगते है।
यहां की रहने वाली एक बुजुर्ग राजरानी जिनकी उम्र करीब 91 वर्ष है उन्होंने बताया कि घाघरा नदी का कहर हमेशा चारो तरफ रहता है। लेकिन जब बाढ़ का जल इस पवित्र मंदिर में बहकर समाधि स्थल की दहलीज तक पहुंचता है तब बाढ का पानी अपने आप कम होने लगता है।
फोटोः फाइल
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