सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब मुख्य परीक्षा 18 जून को ही होगी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा जांचने का इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला भी रद्द कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित और दीपक गुप्ता की अवकाश पीठ ने यूपीपीएससी की अपील स्वीकार करते हुए छात्रों की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। यूपीपीएससी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। याची छात्रों की दलील थी कि यूपीपीएससी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 30 मार्च के आदेश का पालन नहीं किया है। लिहाजा मुख्य परीक्षा पर रोक लगाई जाए।
शीर्ष अदालत ने सुरक्षित रख लिया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि अगर अदालतें प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित कराने वाले संस्थानों के फैसलों में न्यायिक समीक्षा के अधिकार का इस्तेमाल कर दखल देती हैं तो परीक्षा की शुचिता खत्म हो जाएगी। ऐसे में संस्थानों के फैसलों की न्यायिक समीक्षा की सीमा भी तय की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गलत विकल्पों के आधार पर दायर की गई थी याचिका
छात्रों ने प्रारंभिक परीक्षा में गलत विकल्पों के आधार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 मार्च को दिए आदेश में प्रारंभिक परीक्षा दोबारा कराने से इनकार करते हुए उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा जांचने का आदेश दिया था। लोकसेवा आयोग ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने 18 मई को हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। यूपीपीएससी ने सितंबर, 2017 में 667 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा कराई थी।
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