
Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा दी है. जम्मू संभाग के बड़े हिस्से में लगातार हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जगहों पर भूस्खलन (पहाड़ खिसकने) की घटनाएं हुई हैं, निचले इलाके पानी में डूब गए हैं और कई सड़कें और पुल बह गए हैं.
इस मुश्किल घड़ी में राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और उन्हें मौजूदा हालात की पूरी जानकारी दी. उन्होंने केंद्र सरकार से मिल रही मदद के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया और बताया कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है.
माता वैष्णो देवी मार्ग पर बड़ा हादसा
बारिश के कारण सबसे दुखद खबर माता वैष्णो देवी के रास्ते से आई, जहां भूस्खलन की वजह से 32 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा, जम्मू के डोडा जिले में भी बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की जान चली गई.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैंने प्रधानमंत्री जी को हालात के बारे में बताया है. NDRF की टीमें यहां पहुंच चुकी हैं, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं. उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की हर तरह से मदद करेगी."
2014 के बाढ़ की यादें ताजा
अब्दुल्ला ने जम्मू में तवी नदी के किनारे हुए नुकसान का जायजा लिया. उन्होंने 2014 में आई भयानक बाढ़ को याद करते हुए कहा कि उस वक्त भी शहर का चौथा पुल इसी जगह से टूट गया था. उन्होंने कहा, "यह चिंता की बात है कि पुल को उसी जगह पर दोबारा नुकसान पहुंचा है. हमें विशेषज्ञों की टीम लगाकर इसकी वजह का पता लगाना होगा ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो."
राहत की बात यह है कि बुधवार को बारिश रुक गई, जिससे निचले इलाकों में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है और बचाव कार्य में तेजी आई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग नदी किनारे बसे हैं, उन पर हमेशा खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा, “फिलहाल हम मौजूदा स्थिति से निपट रहे हैं, लेकिन बाद में इस समस्या का कोई स्थायी समाधान निकालना होगा.”
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