भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने निरंतर दूसरे कार्यकाल के लिए 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में 33 सीटें जीती हैं। 2018 में गठबंधन ने राज्य में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के 25 साल के शासन को समाप्त कर दिया। इस जीत से यह भी साबित होता है कि यह महज संयोग नहीं था। इस चुनाव से पहले इन पार्टियों ने सार्वजनिक रूप से इस बात पर सहमति जताई थी कि मौजूदा मुख्यमंत्री माणिक साहा उनके सीएम उम्मीदवार होंगे। मगर अब चुनाव के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये पार्टियां एक बार फिर अपने फैसले की समीक्षा कर सकती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व वर्तमान में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक को राज्य में शीर्ष पद पर नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। ताकि लोकसभा इलेक्शन से पहले पूर्वोत्तर प्रदेशों सहित पूरे देश में सही संदेश जा सके।
नॉर्थ ईस्ट के इतिहास में पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी
वहीं, पार्टी के एक अन्य सूत्र ने कहा, साहा ने पार्टी को जीत दिलाई है। तो यह असंभव है। मगर कुछ दिनों बाद इसमें बदलाव हो सकता है। अगर भौमिक मुख्यमंत्री बनती हैं तो वह नॉर्थ ईस्ट के इतिहास में पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी।
भौमिक को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इससे इंकार नहीं किया जा सकता। अगर केंद्र भौमिक को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाने की सोचता है तो माणिक साहा को केंद्र भेजा जा सकता है। महत्वपूर्ण रूप से, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के बाद कि भौमिक महिलाओं पर एक समर्थन आधार के रूप में ध्यान केंद्रित करने के इच्छुक हैं, BJP भौमिक को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर रही है।
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