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Up Kiran, Digital Desk: देश के यात्री रेल नेटवर्क में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, केंद्र सरकार जल्द ही भारत की पहली बुलेट ट्रेन को आम जनता के लिए उपलब्ध कराने जा रही है। मुंबई से अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित इस हाई-स्पीड ट्रेन सेवा से न केवल यात्रियों के सफर का समय घटेगा, बल्कि देश में आधुनिक रेलवे अवसंरचना का एक नया युग भी शुरू होगा।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बुलेट ट्रेन की शुरुआत निकट भविष्य में की जाएगी, और इससे दोनों शहरों के बीच की यात्रा महज दो घंटे सात मिनट में पूरी की जा सकेगी। यह नई सुविधा उन लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगी जो अब तक छह से सात घंटे का समय सड़क या पारंपरिक ट्रेनों से सफर में लगाते हैं।

यह हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे आर्थिक गतिविधियों को भी तेज़ी मिलेगी। 508 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर कुल 12 स्टेशन होंगे, जो मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से शुरू होकर अहमदाबाद के साबरमती स्टेशन तक फैले होंगे। थाणे, वडोदरा, सूरत और वापी जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ते हुए यह ट्रेन पश्चिमी भारत में यातायात को नया आयाम देगी।

इस परियोजना की एक विशेष बात यह है कि इसमें भारत की पहली समुद्र के नीचे बनने वाली सुरंग भी शामिल है, जो ठाणे क्रीक के नीचे लगभग 7 किलोमीटर लंबी होगी। साथ ही, 21 किलोमीटर लंबी कुल सुरंगें इस पूरे प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगी, जो इसे तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्याधुनिक बनाती हैं।

रेलवे मंत्रालय का दावा है कि बुलेट ट्रेन का पहला खंड बिलिमोरा से सूरत तक अगस्त 2026 तक परिचालन के लिए तैयार हो जाएगा। इसके अलावा इस कॉरिडोर पर जे-स्लैब बैलस्टलेस ट्रैक तकनीक का पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है, जो भविष्य में भारत की अन्य हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के लिए मानक बन सकता है।

रेल मंत्री भावनगर टर्मिनस से अन्य ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते समय यह जानकारी साझा कर रहे थे। इस मौके पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे, जिससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार रेलवे के विस्तार को राष्ट्रीय विकास एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मान रही है।

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