
यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया पर अपने एक्स‑पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप लगा था। उन्होंने कोर्ट में बताया कि तलाल ने उनके नाम से एक फर्जी शादी का प्रमाणपत्र बनवाया था, जिससे वह ज़िंदा खतरे और शारीरिक उत्पीड़न से बच सकें या उन्हें क्लिनिक चलाने की अनुमति मिल सके ।
केस की शुरुआत और तलाल का चालाक़ी भरा कदम
तलाल और निमिषा ने यमन में एक क्लिनिक खोला, लेकिन यमन की कानूनी व्यवस्था के चलते तलाल ने खुद को सह‑शेयरहोल्डर और तलाकशुदा पति करार दिया ।
उसने एक शादी की तस्वीर में संपादन कर दिखाया कि वे शादीशुदा हैं, और कोर्ट में यह फर्जी डॉक्यूमेंट जमा करा दिया ।
प्रिया की अपील: ‘जरा जांचे-तो सही!’
निमिषा ने कोर्ट से अनुरोध किया कि शादी के सर्टिफिकेट को उनके पासपोर्ट से मिलाकर जाँचा जाए, और पड़ोसियों से पूछताछ कराई जाए कि तलाल उन्हें दबाता था ।
बावजूद इसके, ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 2018 में दोषी ठहराया।
कानूनी लड़ाई और सपोर्ट का अभाव
अपील के समय वे एक जूनियर वकील के साथ थीं, जिसने केस को मजबूत तरीके से पेश नहीं किया ।
सभी कागजात अरबी भाषा में थे, जो निमिषा समझ नहीं पाईं ।
सजा की पुष्टि और राहत की राह
30 दिसंबर 2024 को यमन के राष्ट्रपति ने फांसी की सजा को मंजूरी दे दी ।
मामले में क्रॉस‑चेक, पड़ोसी गवाह और पासपोर्ट की जानकारी से सच्चाई सामने आ सकती थी, लेकिन प्रयास नाकाफी रहा।
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