
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है। इस हादसे में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन की भी मौत हो गई है। इस दुखद घटना ने मध्य पूर्व की राजनीतिक मंच को हिला दिया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रईसी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि भारत-ईरान रिश्तों को मजबूत करने के लिए रईसी को हमेशा याद किया जाएगा।
भारत और ईरान ने 13 मई को ही चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह डील भारतीय और ईरानी अर्थव्यवस्थाओं के लिए अहम है, जिसके माध्यम से दोनों देश अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। इस समझौते से स्पष्ट होता है कि भारत अमेरिकी नाराजगी को दरकिनार कर आगे बढ़ा रहा है।
जानें ये समझौता भारत के लिए क्यों जरुरी
जानकारी के अनुसार, ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित गहरे पानी का चाबहार बंदरगाह पर भारी मालवाहक शिप सरलता पूर्वक आ-जा सकते हैं. इससे हिंदुस्तान, ईरान, अफगानिस्तान और यूरेशिया आपस में कनेक्ट होंगे।
बता दें कि भारत इस डीले के लिए सन् 2003 से ही मेहनत कर रहा था. इसी के अंतर्गत सन् 2016 में एक सौदा हुआ था. नया सौदा उसी की विस्तार है। डील रईसी के कार्यकाल में आगे बढ़ी। ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारतीय पीएम और इब्राहिम रईसी की 2023 में मुलाकात हुई थी। उसके बाद 13 मई को इस समझौते पर मुहर लग गई थी।