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भारत के दुश्मन भले ही सात समंदर पार क्यों ना छिपे हों लेकिन आज का भारत शायद उन्हें छोड़ता नहीं और यही वजह है कि खालिस्तानी खौफ में हैं और इस खौफ के बीच खालिस्तानियों के लिए जान बचाने को लेकर बाकायदा गाइडलाइन आई है।

दरअसल खांडा और निज्जर की मौत के बाद खालिस्तानियों में हड़कंप मचा हुआ है और इस काम के लिए वह भारत की एजेंसियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन इस बीच खालिस्तानियों के हमदर्द। वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है, कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या सिखों के लिए गंभीर रूप से खतरनाक है। मेजर ने सार्वजनिक तौर पर बार बार दोहराया था। वह भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों (रॉ) का निशाना बनेगा। यह बात एजेंसियों को मालूम थी।

कनाडा की एजेंसियां जानती थी कि निज्जर को महीनों तक अपने जीवन पर मौजूद खतरे का सामना करना पड़ा। हालांकि इस बीच आपको बता दें कि निज्जर था कौन? निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का कनाडा चीफ था। उसकी हत्या से तीन दिन पहले ही यूके में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ अवतार सिंह खांडा की भी मौत हो गई थी। 

उसकी मौत आज भी रहस्य ही बनी हुई है। लेकिन अब खालिस्तानियों की तरफ से बाकायदा बयान जारी कर कर उन लोगों पर निशाना साधा गया है जिनसे संभवता वह यह उम्मीद करते हैं कि वह भारत की एजेंसियों के खिलाफ जाकर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं। लेकिन बड़ी बात यहां पर गौर करने वाली है कि हाल ही में एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वाली एक झांकी की परेड निकाली गई थी।

आतंकी की हत्या पर भारतीय विदेश मंत्री ने क्या कहा

इस परेड का संचालन जो है मेजर ने ही किया था। लेकिन इस परेड की झांकी सामने आने के बाद में भारत की ओर से भारत के विदेश मंत्री ने बयान दिया था कि यह कनाडा के लिए अच्छा नहीं है और जो कुछ भी चल रहा है उसे रोका जाना चाहिए। लेकिन उसके बाद मेजर की हत्या हो जाती है और ऐसा ही कुछ पंजवार के साथ हुआ जो कि पाकिस्तान में छिपा हुआ बैठा था। तो कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जो जहां है खालिस्तानी अब एक एक कर मारा जा रहा है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू जो है वह पिछले तीन दिनों से लापता है। उसकी मौत हुई है। नहीं हुई है। अभी इसे पूरी तरीके से साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है। लेकिन जिस तरीके से भारत सरकार ने, भारत के विदेशमंत्री ने कनाडा को यह साफ किया था या फिर उन तमाम देशों को यह साफ कर दिया था कि इस तरह की एक्टिविटी पर रोक लगाई जानी चाहिए, क्या अब उसका असर दिखने लगा है?

खालिस्तानियों में खौफ बरकरार

क्योंकि खालिस्तानियों की ओर से ही यह दावा किया जा रहा है कि उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। तो क्या इन देशों ने अब सुरक्षा के नाम पर अपने हाथों को पीछे खींच लिया है? और क्या जिन्हें अपना काम करना था वह अब बड़ी बेबाकी से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन फिलहाल फैक्ट यही है कि अलग अलग देशों में खालिस्तानियों की एक एक करकर मौत हो रही है। कुछ मौतें रहस्यमयी तरीके से हो रही हैं। कुछ को सीधे सीधे गोली मारकर उनकी हत्या हो रही है। पन्नू कहां है, यह साफ नहीं है, लेकिन खालिस्तानियों में खौफ सीधे तौर पर है। 

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