Brain Stroke एक बहुत ही भयावह बीमारी है। वक्त रहते इसका उपचार न किया जाए तो जान जाने का खतरा रहता है। डिप्रेशन स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है। पिछले तीन साल में कोरोना महामारी के दौरान Brain Stroke के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। भारत में Brain Stroke से हर 4 मिनट में एक व्यक्ति की मौत होती है। AIIMS के न्यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर एम.वी. पदमा श्रीवास्तव ने दिया।
भारत में हर 40 सेकंड में एक इंसान Brain Stroke का शिकार होता है और हर 4 मिनट में एक शख्स की मृत्यु हो जाती है। यह Brain Stroke को देश में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण बनाता है। साथ ही देश में हर साल ब्रेक स्ट्रोक के लगभग एक लाख 85 हजार मामले सामने आ रहे हैं।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) की माने तो, हमारे देश में Brain Stroke के सबसे ज्यादा मामले हैं। यह अनुपात 68.6 प्रतिशत है। मृत्यु दर 70.9 फीसदी है। इसके अलावा 77.7 फीसदी मामले शारीरिक अक्षमता के हैं। ये आंकड़े भारत के लिए और भी खतरनाक हैं।
GBD रिपोर्ट के मुताबिक, Brain Stroke के 5.2 मिलियन या 31 % केस 20 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होते हैं। भारत में Brain Stroke से युवा और मध्यम आयु वर्ग के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। हालांकि ये आंकड़े चिंताजनक हैं, मगर देश के दूर-दराज के इलाकों में इलाज की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। देशभर में खासकर सरकारी अस्पतालों में Brain Stroke के उपचार के लिए कोई ठोस उपाय नहीं हैं।
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