पूरे भारत वर्ष में होली का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में होली और इससे पहले आने वाली होलिका दहन का विशेष महत्व होता है। होलिका दहन एक ऐसा पर्व है जब हम पाप और संताप को जलाने के लिए अग्नि को प्रचलित करते हैं। हमारा शरीर और संपूर्ण ब्रह्मांड पंचतत्वों से मिलकर बना है। ऐसे में होलिका की अग्नि को काफी ज्यादा पवित्र माना जाता है।
इस साल होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा, जबकि इसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को रंगवाली होली खेली जाती है। होलिका दहन की बात करें तो इस दिन की खास महत्वता है। हिंदुओं के कई अन्य त्योहारों की भांति होली का दहन भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।
होली से आठ दिन पहले ही प्रह्लाद को बंदी बनाकर प्रताड़ित किया जाने लगा था। इसलिए होली से आठ दिन पहले के समय को होलाष्टक कहा जाता है। इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस दौरान ग्रहों का स्वभाव भी उग्र रहता है, जिसकी वजह से मनचाहे परिणाम नहीं मिल पाते। इसलिए इस दौरान कोई भी नया कार्य नहीं करना चाहिए। होलिका दहन के दिन काले कलर के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। होलिका दहन के वक्त आपको अपना सिर खुला नहीं रखना चाहिए। होलिका दहन पर किसी के घर का खाना भी नहीं खाना चाहिए। इसी के साथ ही दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठकर खाना खाना चाहिए। नवविवाहित स्त्रियों को होली जलते हुए नहीं देखनी चाहिए। होलिका दहन के दिन किसी भी तरह के मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन सुनसान इलाकों में जाने से भी परहेज करें।
--Advertisement--