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पंजाब अपनी उच्चतम विरासत के लिए सदैव जाना जाता रहा है। पंजाब की संस्कृति दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। पंजाब की बोली के सभी दीवाने हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि पंजाबी भाषा का इतिहास क्या है? पंजाबी भाषा अस्तित्व में कैसे आई? पंजाबी भाषा की वास्तविक लिपि क्या है?

आज हम आपको पंजाबी भाषा से जुड़ी हर एक बात से अवगत कराएंगे। पंजाबी एक इंडो आर्यन भाषा है। हिंदुस्तान में पंजाबी भाषा हिंदी और बंगाली के बाद साउथ एशिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यह भाषा आज की तारीख में इंग्लैंड में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली दूसरी भाषा और कैनेडा में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।

दुनिया के अलग अलग हिस्सों में हैं 1 करोड़ पंजाबी

भाषाओं से संबंधित एक विशेष ज्ञान कोष एथनिक लुक के अनुसार पंजाबी भाषा पूरी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली 10वीं भाषा है। पंजाबी भाषा 13 14 करोड़ लोगों की मातृभाषा है। सबसे अधिक लमसम 10 करोड़ पंजाबी बोलने वाले लोग पाकिस्तान में हैं। उसके बाद 3 करोड़ के लमसम भारतीय पंजाब और करीब 1 करोड़ पंजाबी दुनिया के अलग अलग  इलाकों में जाकर ठहरे हुए हैं।

वहीं पंजाब की कई सारी भाषाएं हैं जो अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरह से बोली जाती हैं, जिनमें से मुख्य है। माझी दुआ भी। मालवे से संबंधित वादी पुटू, हारी, मुल्तानी और डोगरी जिसे पहाड़ी भाषा भी कहा जाता है। इनमें से माझी बोली पंजाबी की टकसाली भाषा है। मगर सवाल अब भी वही है कि पंजाबी भाषा अस्तित्व में कैसे आई? पंजाबी भाषा कैसे बनी, यह समय के साथ कितनी बदली और पंजाबी में लिखी सबसे पहली पुस्तक कौन सी है?

पंजाबी भाषा के विद्वानों के हिसाब से पंजाबी भाषा के मूल को लेकर काफी समानताएं हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार पंजाबी भाषा का जन्म सप्त सिंधु के इलाके से हुआ। उस समय इस भाषा को सप्त सिंध भी कहा जाता था। यह बात अलग है कि भारत की सारी भाषाओं का जन्म ब्राह्मी लिपि से हुआ है। ध्यान देने योग्य है कि पंजाबी भाषा की दो लिपियां हैं शाह मुखी और गुरुमुखी। शाह मुखी उतरते पंजाब की पंजाबी लिपि है, जबकि गुरमुखी चढ़ते पंजाब की लिपि। इन दोनों में अक्षरों की बनावट का है।

भाषा पंजाबी में पहली रचना अदा मान की सिंह रासा है जो कि कई लिपियों का मिश्रण है। उसके बाद शाह मुखी में बाबा शेख फरीद जी की रचनाएं और गुरुमुखी में गुरु नानक देव जी की पट्टियां हैं। आपको बता दें कि भारतीय संविधान में कुल 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है जिसमें पंजाबी भाषा भी शामिल है। 

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