भूमि से संबंधित मामलों को लेकर देवरिया व सुल्तानपुर में हुए नरसंहार की वारदातों के बाद सरकार ने इन्हें लेकर गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है।
यूपी के अलग अलग राजस्व न्यायालयों में लंबित केसों एवं जमीन से जुड़े विवादों के निस्तारण के लिए राज्य में 60 दिन का खास अभियान चलाया जाएगा। इसमें निर्विवाद विरासत पैमाइश, नामांतरण, आपसी बंटवारे और भूमि विवादों के प्रकरणों के अलावा आई आर एस और संपूर्ण समाधान दिवस और विभिन्न स्तरों पर प्राप्त शिकायतें शामिल हैं।
उत्तराधिकारी और निर्विवाद विरासत के मामले में 45 दिन और नामांतरण के विवाद के निपटारे के लिए ज्यादा से ज्यादा 90 दिन की टाइम पीरियड निर्धारित किया गया है। विभाजन से जुड़े मामलों को अधिकतम 6 महीने में निपटान करने का आदेश दिया गया है।
याद दिला दें कि देवरिया हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री योगी एक्शन मोड में हैं और वो निरंतर अहम फैसले ले रहे हैं। कहा जा रहा है कि देवरिया हत्याकांड के आरोपियों के घर बुलडोजर भी चल सकता है। निरंतर इस केस की जांच हो रही है।
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