जानें कैसे क्यूआर कोड से रही है ठगी, सोच समझकर करें स्कैन

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क्यूआर कार्ड के जरिए भुगतान की दर देश में काफी बढ़ गई है। यूपीआई पर आधारित भुगतान का यह तरीका लोकप्रिय हुआ। इसलिए, स्वाभाविक रूप से, साइबर शौकीन भी इसकी ओर मुड़े हैं। फर्जी क्यूआर कार्ड का इस्तेमाल कर लोगों के स्मार्टफोन हैक करने की घटनाएं बढ़ी हैं। भारत समेत कई देशों में यह चलन बढ़ा है।

स्कैमर्स असली क्यूआर कार्ड की जगह नकली कार्ड चिपका देते हैं। इससे फोन हैक हो गया है। सारी जानकारी हैकर्स तक पहुंच जाती है और कुछ ही पलों में अकाउंट खाली हो जाता है। इतना ही नहीं आपकी निजी जानकारी का इस्तेमाल कर ब्लैकमेल भी किया जाता है। एफबीआई ने इस संबंध में चेतावनी दी है।

ऐसे होता है फ्रॉड

रेस्तरां, कैफे आदि में, क्यूआर कार्ड को स्कैन करके मेनू आपके पास आता है।

क्यूआर कार्ड का उपयोग भुगतान के लिए भी किया जाता है। हालांकि, स्कैमर असली के बजाय नकली कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।

स्कैन किए जाने पर उपयोगकर्ताओं को एक ऑनलाइन मेनू या भुगतान चेकआउट पर ले जाने के बजाय, मैलवेयर को फोन में इंजेक्ट किया जाता है और व्यक्तिगत जानकारी को बाहर निकाल देता है।

 

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