img

मिर्गी को दौरा, दौरे, मिर्गी जैसे नामों से जाना जाता है। यह दिमाग से जुड़ी पुरानी बीमारी है। इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है। मगर यदि दवा से ठीक न हो तो सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। बदलती लाइफस्टाइल, अपर्याप्त नींद, तनाव, असंतुलित आहार से मिर्गी का खतरा बढ़ जाता है। इस वजह से मिर्गी रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 26 मार्च को पर्पल डे ऑफ एपिलेप्सी के रूप में मनाया जाता है। यह दुनिया भर में चौथी सबसे आम बीमारी है।

मिर्गी विश्व में 50 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है। हर साल करीबन 5 मिलियन लोगों में मिर्गी का निदान किया जाता है। जबकि भारत में मिरगी के 10 मिलियन से अधिक रोगियों का निदान किया जाता है, अकेले भारत दुनिया भर के 50 मिलियन मामलों में से 20% के लिए जिम्मेदार है।

मिर्गी क्या है?

मिर्गी एक तंत्रिका संबंधी विकार है जिसका मस्तिष्क पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण रोगी को बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक दौरा पड़ जाता है। अक्सर रोगी होश खो बैठता है। फिट आना इस रोग का प्राथमिक लक्षण है। यह अक्सर रोगी की स्मृति हानि का कारण बन सकता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।

मिर्गी के लक्षण

  • मांसपेशियों में अकड़न
  • अचानक गिर पड़ना
  • हाथ पैरों में झनझनाहट होना
  • आँख, कान, स्वाद की इन्द्रियों को प्रभावित करना
  • डर, मूड स्विंग्स

चिकित्सकीय रूप से अट्रैक्टिव मिर्गी मिर्गी का एक गंभीर रूप है जिसे दवा से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार की मिर्गी वाले लोगों को प्रति दिन कई दौरे पड़ सकते हैं, जो उनके जीवन शैली को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार की बीमारी में सर्जरी या प्रत्यारोपण शामिल हो सकता है।

इस बीमारी से बचाव के लिए क्या करें?

  • 1) प्रतिदिन पर्याप्त नींद लें, आराम करें।
  • 2) नियमित व्यायाम करें।
  • 3) शराब, सिगरेट, नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।
  • 4) दिनचर्या को एक डायरी में लिख लें।
  • 5) संतुलित आहार लें।
  • 6) तनाव का प्रबंधन करें
  • 7) कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • 8) टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर देखना कम कर दें।
  • 9) अपनी बीमारी के बारे में दूसरों को बताएं।
  • 10) नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।

 

--Advertisement--