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देश की सुरक्षा के लिए सरहद पर खड़ा जवान इस बात से वाकिफ रहता है कि अगर देश की सरहद लहू मांगेगी तो उसे अपने खून का कतरा कतरा देना होगा। ऐसे ही वीरों के बलिदानों से हमारी सरहदें दुश्मनों से महफूज रहती हैं। शहीद सैनिकों की लिस्ट में मंगलवार को एक और नाम जुड़ गया। 

मंगलवार को गढ़वाल राइफल के कुमराला गांव के निवासी शैलेंद्र कठैत चीन बॉर्डर के गोल पोस्ट नीती पास बॉर्डर पर पेट्रोलिंग करने निकले थे। पेट्रोलिंग के दौरान सैनिक शैलेंद्र कठैत का पैर फिसल गया, जिसकी वजह से उन्हें गंभीर चोट आई।

उपचार के दौरान अस्पताल में सैनिक ने दम तोड़ दिया। सैनिक के शहीद होने की खबर सुनते ही परिजनों में मातम पसर गया। सेना के वाहन से कल सवेरे 09:00 बजे शहीद के पार्थिव शरीर को श्रीनगर से चिन्यालीसौड़ लाया गया।

जहां व्यापार मंडल ने पार्थिव शरीर पर फूलों की वर्षा करते हुए शहीद जवान को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद गांव के पंचायत भवन के बाहर सुरक्षा जवानों के साथ शैलेंद्र शहीद के पार्थिव शरीर की गाड़ी को खड़ा कर दिया गया और फिर पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव तक पहुंचाया गया। जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो गांव में चीखो पुकार मच गई। पूरा गांव मातम में डूब गया। मानो गांव में कोई कयामत आन पड़ी हो। शहीद की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। 
 

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