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आईआईटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण बनाया है जो मोबाइल जैसे उपकरणों को चार्ज करने के लिए शरीर की गर्मी को बिजली में बदल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस उपकरण से ऊर्जा के क्षेत्र में अच्छा असर पड़ेगा।

संस्थान का शोध जर्मन विज्ञान पत्रिका एंजवेंटे केमी में प्रकाशित हुआ है। इस शोध का नेतृत्व आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय सोनी ने किया। उन्होंने बताया कि थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर कैसे काम करता है।

स्मार्टफोन के साथ चार्जर की जरूरत खत्म

थर्मोइलेक्ट्रिक प्रणाली के माध्यम से ऊष्मा को बिजली में या बिजली को ऊष्मा में परिवर्तित किया जा सकता है। डिवाइस के साथ, अब स्मार्टफोन के साथ चार्जर ले जाने की जरूरत नहीं है। डिवाइस को होल्ड करने से फोन चार्ज हो जाएगा। डिवाइस से स्मार्टफोन के अलावा लैपटॉप, ईयरबड्स समेत कई अन्य डिवाइस को भी चार्ज किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं की एक टीम ने सिल्वर टेलुराइड नैनोवायर से थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल बनाए। मानव स्पर्श के बाद डिवाइस आउटपुट वोल्टेज देना शुरू कर देता है। यह किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को चार्ज करने में सक्षम है।

प्रोफेसर ने बताया कि उनकी टीम द्वारा विकसित मॉड्यूल मानव शरीर के अलावा अन्य उपकरणों द्वारा उत्सर्जित गर्मी को बिजली में परिवर्तित कर सकता है।