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अटलांटिक महासागर में सालों पहले डूबे टाइटैनिक के मलबे को दिखाने के लिए पानी में गई पनडुब्बी के लापता होने की खबर से तो आप वाकिफ है ही। मलबे को दिखाने ले गई एक विशाल सबमरीन पानी में गई इस मरिन पर्यटक सबमरीन है। मतलब लोग इसके जरिए टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए जाते हैं।

अब 18 जून को पानी में सफर के लिए निकली पनडुब्बी को लेकर एक बेहद ही दुखद खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इसमें सवार पाँच लोगों की मौत हो चुकी है। सवार लोगों में सभी लोग जाने माने अरबपति और करोड़पति थे। इसमें ओशियन गेट के सीईओ टॉप टेन रईस शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हॉर्डिंग और पॉल हेनरी शामिल थे। अब अगर ताजा हालत की बात की जाए तो पनडुब्बी की तलाश में जुटी टीम को किसी चीज का मलबा मिला है, जिसे बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।

इन सभी के बीच सवाल ये उठता है कि आखिर क्या जरूरत थी इन सभी लोगों को अपनी जान को खतरे में डालकर समुद्र में जाना। वो भी 13,000 फीट नीचे। जबकि इस बात से ये लोग भी वाकिफ थे कि टाइटैनिक टूर पर गए लोगों के बचने की संभावनाएं ऑक्सीजन समुद्री गहराई के चलते बेहद कम है। तो फिर क्यों अपनी जान को जोखिम में डाला गया।

दरअसल, आज से करीब 111 साल पहले उत्तरी अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक नाम का एक जहाज डूबा था। दुर्घटना के थ्री साल बाद यानी कि एक फाइल में कनाडा के पास न्यूफाउंडलैंड द्वीप के पास इस जहाज का मलबा मिला। यह मलबा समुद्र के 13,000 फीट नीचे था। अब इस मलबे की जानकारी फैलते ही लोग इसे देखने की इच्छा जाहिर करने लगे। लाइटनिंग पर पड़े इस मलबे को दिखाने के लिए अमेरिकी कंपनी ओशियन गेट ने टाइटैनिक टूरिज्म की शुरुआत की।

18 जून से जो पनडुब्बी गायब है, वह चार अरबपतियों समेत पांच लोगों को लेकर टाइटैनिक टूरिज्म पर ही गई थी। हाइड्रो स्पेस ग्रुप के मालिक विलियम कोहेन के मुताबिक कुछ लोगों को हवाई द्वीप और कैरिबियन द्वीप के करीब समुद्र की गहराइयों में जाना पसंद है। यहां समुद्र के अंदर कलरफुल लाइफ और चट्टानें लोगों को रोमांचित करती हैं।

अमेरिकी पब्लिक रिलेशन कंपनी तारा के मालिक डी अनु जियो का कहना है कि अमीर लोगों के लिए पैसा ज्यादा महत्व नहीं रखता। वह जीवन में रोमांच करना चाहते हैं। कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जिसे जीवन भर न भूला जाए। इसी वजह से अमीर लोग इस तरह की समुद्री यात्राएं करते हैं। आपको बता दें कि ओशियन गेट कंपनी से टूरिज्म पर ले जाने के लिए एक व्यक्ति से 2.5000000 डॉलर यानी की करीब ₹2 करोड़ लेती है। कनाडा के सेंट जॉन न्यूफाउंडलैंड से इस यात्रा की शुरुआत होती है।

रिपोर्ट्स के अनुसार यह समुद्री यात्रा आठ दिन और सात रात की होती है। कंपनी इस टूर पर एक बार में ज्यादा से ज्यादा पाँच लोगों को लेकर जाती है। इस यात्रा पर जाने वाले लोगों को एक महीने पहले से ही तैयार किया जाता है क्योंकि पनडुब्बी लोगों को लेकर समुद्र की 19,000 फीट की गहराई तक जाती है।

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