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यदि आपके सेविंग अकाउंट में पैसे नहीं हैं और आपको अर्जेंट रुपयों की जरूरत पड़ जाए तो आपको कर्ज लेना होगा। बहुत से लोग दोस्तों या रिश्तेदारों से कर्ज लेना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में उनके लिए पर्सनल लोन या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधा लेना ही एकमात्र रास्ता है।

सवाल ये है कि दोनों में से आपके लिए क्या बेहतर है? पर्सनल लोन कोई नई बात नहीं है. आप किसी बैंक या एनबीएफसी से पर्सनल लोन ले सकते हैं। इसकी ब्याज दर तय होती है, जिससे आप अपनी ईएमआई के बारे में जान सकते हैं। वहीं, पैसों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ओवरड्राफ्ट सुविधा भी एक आसान रास्ता है। बैंक ग्राहकों को ये सुविधा देती है।

अब सवाल ये है कि पर्सनल लोन या ओवरड्राफ्ट सुविधा जरूरत पड़ने पर किसको चुनना चाहिए। इस का उत्तर हर शख्स के लिए अलग-अलग हो सकता है। पर, आमतौर पर ओवरड्राफ्ट सुविधाओं को आसान माना जाता है। इसमें पैसा फौरन जरुरतमंद के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। शॉर्ट टर्म लोन के लिए ओवर ड्राफ्ट फायदेमंद होता है।

यदि आप लंबी अवधि के लिए उधार ले रहे हैं तो पर्सनल लोन लेना लाभदायक है। लेकिन, दोनों ही ऋण की कैटेगरी में आते हैं। इसलिए, किसी भी विकल्प का इस्तेमाल करते टाइम आपको सावधान रहने की जरुरत है।

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