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बच्चों से भरी क्लास और उन्हें पढ़ाती छात्रा। फोटो देख आप कुछ ऐसा ही सोच रही होंगे। लेकिन बच्चों को पढ़ाने वाली कोई छात्रा नहीं बल्कि सरकारी स्कूल की टीचर हैं, जो स्कूल ड्रेस पहनकर पढ़ाने पहुंचती हैं। ताकि बच्चों पर टीचर्स का दबाव न हो और वो घुल मिलकर पढ़ाई कर सकें।

खास बात यह है कि टीचर भी बच्चों के साथ बैठकर खाना भी खाती हैं और उनके साथ खेलती भी हैं। लेकिन जाह्नवी को इस तरह पढ़ाने का आइडिया कैसे आया? बच्चों ने कैसे रिएक्ट किया और उन पर क्या असर पड़ा? जान्हवी ने बड़ी दिलचस्प बातें बताई।

महिला टीचर ने कहा कि बच्चे यहां पर प्रॉपर यूनिफॉर्म में नहीं आते थे। तो स्कूल हो और फिर यूनिफॉर्म न हो, ये ठीक वैसा ही हो जाता है जैसे सैनिक वर्दी में न दिखें।

जानवी के मुताबिक जब बच्चों ने स्कूल यूनिफॉर्म में देखा तो बच्चे खुश हो गए। बच्चों ने पढ़ाई के प्रति ज्यादा उत्साह दिखाना शुरू कर दिया।

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