Up Kiran, Digital Desk: बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTC) में हुए चुनावों ने असम की सियासत में बड़ा उलटफेर कर दिया है। एक दशक से ज्यादा समय तक प्रभावशाली रही भाजपा को इस बार जनता ने साफ संकेत दे दिया है – भरोसा अब बदल चुका है। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) ने शानदार जीत दर्ज करते हुए न सिर्फ बहुमत के आंकड़े को पार किया बल्कि भाजपा और UPPL दोनों को पीछे छोड़ दिया।
BJP के लिए खतरे की घंटी!
जहां पहले भाजपा को BTC में बढ़त मिलती रही थी, वहीं इस बार की नतीजे उनकी राजनीतिक जमीन खिसकने की तरफ इशारा कर रहे हैं। पांच सीटों तक सिमटी भाजपा के लिए यह परिणाम 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा संकेत हैं।
एक समय था जब भाजपा विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय चुनावों में हर बार विजेता बनकर उभरती थी। लेकिन अब BTC चुनावों ने पार्टी की पकड़ पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
NDA के अंदर ही मचा घमासान!
BPF और भाजपा दोनों NDA का हिस्सा हैं, लेकिन इस चुनाव में BPF ने NDA की सहयोगी पार्टी होते हुए भी भाजपा के खिलाफ मजबूत रणनीति अपनाई। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन बावजूद इसके भाजपा की सीटें घटीं।
हालांकि सीएम सरमा ने इस हार को NDA की जीत बताकर माहौल संभालने की कोशिश की। उनका कहना है कि BPF अब भी NDA का हिस्सा है और साथ मिलकर काम जारी रहेगा।
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