Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद, जेडीयू के वरिष्ठ नेता और ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने बड़ा पलटवार किया है। मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने प्रशांत किशोर को ₹100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा।
डॉ. चौधरी ने किशोर पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, "ये आरोप पूरी तरह झूठे, निराधार और भ्रामक हैं। यह उनके बौखलाहट का नतीजा है।" उन्होंने बताया कि इससे पहले भी उन्होंने किशोर के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था, जिसमें पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने उन्हें 17 अक्टूबर 2025 को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
"200 करोड़ की बेनामी संपत्ति"? चौधरी ने बताया सफेद झूठ
प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि अशोक चौधरी के परिवार ने 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति बनाई है। इस पर जवाब देते हुए चौधरी ने कहा, "यह संपत्ति मेरी बेटी, सांसद शाम्भवी चौधरी ने अपनी वैध आय से 2021 में खरीदी थी। इस बारे में जानकारी चुनावी शपथ पत्र में दर्ज है।"
उन्होंने कहा, "बेनामी संपत्ति का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह आरोप केवल राजनीति को दूषित करने की साजिश है।"
परिवार पर कीचड़ उछालना? "बिलकुल बेबुनियाद"
प्रशांत किशोर के इस दावे को भी डॉ. चौधरी ने झूठा बताया कि उनकी पत्नी नीता केसकर चौधरी और आचार्य किशोर कुणाल की पत्नी के बीच कोई संदिग्ध लेन-देन हुआ है।
7 दिन की डेडलाइन: माफी नहीं तो केस पक्का
डॉ. चौधरी ने सख्त लहजे में कहा, "अगर प्रशांत किशोर सात दिन के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिना शर्त माफी नहीं मांगते, तो उनके खिलाफ आपराधिक और दीवानी दोनों केस दर्ज किए जाएंगे।"
उन्होंने चेताया, "ऐसी घृणित राजनीति की कोई जगह नहीं है। जनता सब जानती है और इसका जवाब समय पर देगी।"
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