img

डेस्क. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि जब रोहिणी नक्षत्र से युक्त होती है तो उसे श्रीकृष्ण जयन्ती के नाम से जाना जाता है। विष्णु धर्मोत्तर पुराण के अनुसार मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों ही प्राप्त होने पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जायेगी।

जन्माष्टमी स्पेशल

शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण की पत्नी रुक्मणी मां लक्ष्मी का अवतार थीं अत: अगर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। यदि आप जन्माष्टमी के दिन ये उपाय पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से करेंगे तो आपको अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी।

जन्माष्टमी कब है ?

शक्ति ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य पण्डित शक्तिधर त्रिपाठी के अनुसार दो सितम्बर, रविवार को सायं 05:08 बजे के बाद अष्टमी तथा सायं 06:29 के बाद रोहिणी नक्षत्र प्राप्त हो रहा है जो अगले दिन सोमवार को दोपहर बाद तक रहेगा। अतः जन्माष्टमी व्रत रविवार को ही करना उचित होगा। साथ ही अर्द्धरात्रि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। रोहिणी से युक्त अष्टमी को श्री कृष्ण जयंती कहा जाता है । इस बार हम योगिरज श्री कृष्ण की 5244 वीं जयन्ती मनाने जा रहे हैं।

आगे पढ़ें वो 11 उपाय जिनसे बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा-

1.पर्याप्त धन लाभ न हो रहा हो और नौकरी में प्रमोशन भी नहीं हो तो जन्माष्टमी के दिन सात कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। यह काम पांच शुक्रवार तक लगातार करें।

2. श्री कृष्णजन्माष्टमी के दिन प्रात: स्नान आदि करने के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर प्रभु श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला अर्पण करें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगते है और धन लाभ के योग प्रबल बनते है ।

3.जन्माष्टमी के दिन प्रात: दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। इसके बाद यह उपाय हर शुक्रवार को करें । इस उपाय को करने वाले जातक से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इस उपाय को करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

4. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुदाने अथवा चावल की खीर यथाशक्ति मेवे डालकर बनाकर उसका भोग लगाएं उसमें चीनी की जगह मिश्री डाले एवं तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। इससे भगवान श्री कृष्ण की कृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति के योग बनते है।

5.भगवान श्रीकृष्ण पीतांबर धारी भी कहलाते हैं, पीतांबर धारी का अर्थ है जो पीले रंग के वस्त्र पहनने धारण करता हो। इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में भगवान के पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज व पीली मिठाई दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न रहते हैं, उस जातक को जीवन में धन और यश की कोई भी कमी नहीं होती है।

6.श्रीकृष्ण जी के मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम चढ़ाएं । ऐसी मान्यता है कि जो जातक जन्माष्टमी से शुरुआत करके कृष्ण मंदिर में लगातार सत्ताइस दिन तक जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते है, उसको जीवन में किसी भी चीज का आभाव नहीं रहता है।

7. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करें फिर उसके बाद उस पत्ते पर रोली से श्री मंत्र लिखकर उसे अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय से लगातार धन का आगमन होता रहता है ।

8. जन्माष्टमी की रात को 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने से जीवन में स्थाई रूप से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है ।

9. अपने जीवन में सभी तरह की सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए जन्माष्टमी के दिन पीले चंदन, केसर, गुलाब जल मिलाकर माथे पर टीका-बिंदी लगाएं। यह काम हर गुरुवार को करें।

10. अगर क़र्ज़ के बोझ तले दबे हुए हो तो श्मशान के कुएं का जल लाकर पीपल के वृक्ष पर जन्माष्टमी से लेकर नियमित रूप से छह शनिवार तक चढ़ाएं।

11. लक्ष्मी कृपा पाने के लिए जन्माष्टमी पर कहीं केले के दो पौधे लगा दें। बाद में उनकी नियमति देखभाल करते रहें। जब पौधे फल देने लगे तो इनका दान करें, स्वयं न खाएं।

--Advertisement--