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Up Kiran, Digital Desk: बांग्लादेश का अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) सोमवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मुकदमे का फैसला सुनाएगा। हसीना, जो वर्तमान में भारत में हैं, अपनी अनुपस्थिति में ही सुनवाई का सामना कर रही हैं।

अभियोजक गाज़ी मोनावर हुसैन तमीम ने बताया कि अदालत सुबह 11 बजे अपने फैसले की घोषणा करेगी। हसीना के साथ उनके दो वरिष्ठ सहयोगी, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून भी इसी मामले में शामिल हैं। अभियोजकों ने इन तीनों के लिए मृत्युदंड की मांग की है।

शेख हसीना पर लगे पांच गंभीर आरोप

78 वर्षीय हसीना पर अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद कई गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या, अत्याचार, भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप है। अदालत के फैसले में पिछले साल जुलाई के विद्रोह से जुड़े पाँच मामलों की सुनवाई शामिल है।

इनमें प्रमुख रूप से हत्याएँ, घातक हथियारों के इस्तेमाल के आदेश, हेलीकॉप्टर और ड्रोन से हमला, रंगपुर और ढाका में विशिष्ट हत्याएँ और प्रदर्शनकारियों के "उन्मूलन" के आदेश शामिल हैं।

हसीना ने सभी आरोपों से किया इनकार

शेख हसीना ने आरोपों को पूरी तरह झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मुकदमे को अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने सुनियोजित योजना के तहत चलाया। हसीना ने कहा, "मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, न्यायालय का फैसला मेरी आवाज़ दबा नहीं सकता।"

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच लगभग 1,400 लोग मारे गए थे। इसी दौरान हसीना देश छोड़कर भारत चली गई थीं।

ढाका में कड़ी सुरक्षा, बंद और धमाके

अदालत के फैसले से पहले ढाका और अन्य शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अवामी लीग ने दो दिन के बंद का ऐलान किया है। अधिकारियों ने शहर में सेना, अर्धसैनिक और पुलिस बल को सतर्क रहने का निर्देश दिया।

रविवार रात अज्ञात लोगों ने एक पुलिस स्टेशन परिसर में आग लगाई और अंतरिम सरकार के एक सलाहकार के घर के बाहर दो देशी बम विस्फोट किए। राजधानी के कई चौराहों पर भी विस्फोट की घटनाएँ हुईं।