15 वर्षीय बेटी साइकिल पर घायल पिता को बिठाकर गुरुग्राम से पहुंची बिहार, मकान मालिक से थी परेशान

img

नई दिल्ली॥ एक 15 वर्षीय किशोरी ने साइकिल पर पिता को बिठाकर गुरुग्राम से बिहार तक की यात्रा की है। करीब एक हफ्ते तक पिता को पीछे बिठाकर साइकिल चलाने के बाद लड़की बिहार के दरभंगा पहुंच गई। लगभग एक हफ्ते में किशोरी ने 1200 किमी का सफर पूरा किया। इस किशोरी का नाम ज्योति कुमारी है। पिता मोहन पासवान के घायल होने की वजह से ज्योति को उन्हें बिठाकर पूरे रास्ते साइकिल चलाना पड़ा।

salam india

किशोरी सातवीं क्लास में पढ़ती है। किशोरी ने कहा कि सफर के दौरान उसे डर लगता था कि कहीं पीछे से कोई गाड़ी टक्कर न मार दे। ज्योति ने बताया कि उसे रात में हाईवे पर साइकिल चलाते हुए डर नहीं लगा क्योंकि सैकड़ों प्रवासी मजदूर भी सड़क से गुजर रहे थे। हालांकि, सड़क पर किसी गाड़ी से टक्कर होने को लेकर वह चिंतित थी।

पिता और बेटी ने दस मई को गुरुग्राम से यात्रा शुरू की। 16 मई को वे अपने गांव पहुंचे। यात्रा के लिए उन्होंने 500 रुपए में साइकिल खरीदी। एक ट्रक ड्राइवर ने उनसे दरभन्गा पहुंचाने के लिए 6 हजार रुपए मांगे जो ज्योति के पिता नहीं दे सकते थे। ज्योति के पिता गुरुग्राम में ई-रिक्शा चलाते थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें ई-रिक्शा मालिक के पास जमा करना पड़ा। इसी दौरान उन्हें पैर में चोट भी लग गई।

पढ़िए-अगर जाना चाहते हैं दूसरे शहर तो अभी करें ये काम, रास्ते में नहीं होगी परेशानी

दरभन्गा के अपने गांव पहुंचने के बाद किशोरी को घर में क्वारनटीन किया गया है जबकि पिता को एक क्वारनटीन सेंटर में रखा गया है। किशोरी ने कहा कि पिता के पास रुपए नहीं बचे थे। मकान मालिक रुपए देने या फिर घर खाली करने के लिए दबाव बना रहे थे। इसके बाद उन्होंने साइकिल से घर आने का फैसला किया।

Related News