जनपद ब्यूरो || रामबाबू विश्वकर्मा
खेरिया. फतेहगंज थाना क्षेत्र के खेरिया में आयोजित राष्ट्रीय ग्रामीणांचल रामायण मेला का पांचवें दिन भगवान श्री राम जी की आरती से हुआ। रामकथा के कलाकारों नें चित्रकूट की मंदाकिनी तट पर स्फटक सिला में प्रभू श्री राम द्वारा सीता श्रंगार एवं सबरी आश्रम में सबरी और राम संवाद की लीला का मंचन कर भक्तों के मन को मोह लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद रमेश चन्द्र द्विवेदी एवं विशिष्ट अतिथि डॉ मधुसूदन कुशवाहा सपा जिलाध्यक्ष बांदा रहे तथा कुशल संचालन एड० विमल तिवारी नें किया।
फतेहगंज थाना क्षेत्र के खेरिया धाम में आयोजित राष्ट्रीय ग्रामीणांचल रामायण मेला के पांचवें दिन रामकथा वाचक राम प्रताप शुक्ला मानस किंकर द्वारा श्री राम एवं गोस्वामी तुलसी दास के चित्र पर माल्यार्पण कर के किया गया।
रामकथा वक्ता रवीन्द्र तिवारी दिब्यांग प्रज्ञाचक्षु, रामप्रताप शुक्ला मानसर किंकर, डॉ० देवेन्द्र सिंह चौहान भजन एवं संगीत चित्रकूट धाम से त्यागी जी, ललित सिंह रामभजन, तबला बादक एवं हार्मोनियम मधुरेश आनन्द नें रामकथा दरवार में आ कर देखिए, हर बला यहां आके कट जायेगी, एक दफ़ा दामन विछा कर देखिए।
रामकथा के कलाकारों नें मंदाकिनी तट पर स्फटक सिला पर भगवान श्री राम द्वारा सीता शृंगार एवं सीता हरण के बाद खोज की लीला में सबरी आश्रम में सबरी के मीठे बेर खाने की भउक लीला का कुशल मंच कर भक्तों को भाव विभोर कर दिया।
पूर्व भाजपा सांसद रमेश चन्द्र द्विवेदी नें कहा ग्रामीण रामायण मेला से क्षेत्र के लोगों में एकता और अखण्डता का संदेश गया हौ। डॉ० मधुसूदन कुशवाहा जिलाध्यक्ष समाजवादी सपा बांदा नें राममनोहर लोहिया के चित्र पर माल्यार्पण कर कहा डॉ० राममनोहर लोहिया की प्रेरणा से अयोध्या, चित्रकूट सहित प्रदेश के कई हिस्सों में में रामायण मेला हो रहे हैं, उन्हीं की प्रेरणा से प्रदेश का पहला राष्ट्रीय ग्रामीणांचल रामायण मेला खेरिया धाम में हो रही है।
डॉ लोहिया नें कहा था कि रामयण मेला से आनन्द बोध, रस श्रंगार, दृष्टि बोध, भारतीय एकता और अखण्डता का केन्द्र बनेगा, जिसका जीता जागता उदाहरण खेरिया धाम का 17 वां रामायण मेला है। एड० अमर सिंह राठौर पूर्व अध्यक्ष अतर्रा बार एसोसिएसन अतर्रा नें पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यापर्ण किया।
विवेक बिन्दु तिवारी एड० नें कार्यक्रम में आये आगन्तुकों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ० बालकृष्ण मिश्रा, डॉ० बृजेश त्रिपाठी, उदितनारायण द्विवेदी, राजाराम पटेल शिक्षक, रामसखा पटेल, अजय पाल सिंह, सुनील गर्ग, पंकज तिवारी, गजेन्द्र, इंद्रपाल वर्मा, धर्मेन्द्र यादव, बाबू लाल विश्वकर्मा आदि सैकड़ों लोगों नें सिरकत किया।
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