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China News: फरवरी से ही COVID-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों (respiratory diseases) ने चीन में कहर बरपा रखा है। इस बीमारी से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या और अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव बढ़ा दिया है। ये बात सामने आई है कि देश के कई हिस्सों में कब्रिस्तानों में शव दफनाने के लिए जगह की कमी है।

चूंकि मृत शरीर के लिए ताबूत उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए इसके लिए भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। ये खबर इपोक टाइम्स के हवाले से सामने आई है। रिपोर्ट में बीजिंग के एक अस्पताल में भीड़ का जिक्र किया गया है। चीनी सरकार (Chinese government) पर इस बीमारी से संबंधित जानकारी मीडिया से छिपाने का भी आरोप लगाया जा रहा है।

Tangshan में एक शख्स ने बताया कि अस्पताल में बाजार जितनी भीड़ थी। कब्रिस्तान में मृतकों को दफनाने के लिए कतारें लगी हुई हैं। हमारे आसपास के गांवों में भी कई लोगों की मृत्यु हो गई है और उनके अंतिम संस्कार में दिक्कत आ रही है। सड़कें सुनसान हैं, हर जगह एक अजीब सा सन्नाटा है। हेबेई के शिजियाझुआंग के एक ग्रामीण ने बताया कि लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है।

ये सब सांस संबंधी समस्याओं (respiratory diseases) के चलते हो रहा है। ये कोविड जैसी ही बीमारी है। लोगों की खांसी लंबे समय तक बनी रहती है। एक ग्रामीण ने बताया कि इस पर कोई दवा कारगर नहीं है। लोग बार-बार संक्रमित हो रहे हैं और मृत्यु दर भी बढ़ गई है।

हाल ही में चीनी वैज्ञानिकों ने HKU5-Cov2 नामक वायरस की पहचान की है, जो कोरोना के समान है। ये खोज वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी टीम द्वारा की गई। चीनी वैज्ञानिकों ने कहा था कि इस बात की संभावना है कि ये वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है।

चूंकि ये वायरस कोविड जैसा ही है, इसलिए लोगों में दहशत बनी हुई है कि दुनिया में एक नई महामारी (epidemic) उभरेगी। भारत चीन का पड़ोसी मुल्क है और दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के संपर्क में आते रहते हैं।