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दक्षिणी अफ्रीका में स्थित एक स्थलरुद्ध देश जांबिया के पश्चात अब उज्बेकिस्तान में सिरप पीने से 18 मासूमों के मौत का घटना उजागर हुई सामने है। उज्बेकिस्तान सरकार ने दावा किया है कि यह सिरप एक भारतीय दवा कंपनी का है, जिससे 18 मासूमों की जान चली गई। इस आरोप के बाद सिरप आपूर्ति करने वाली हिंदुस्तान दवा निर्माता कंपनी शक के घेरे में आ गई है।

वहां की सरकार ने मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का नाम लिया है, जो व्यापार के लिए वर्ष 2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड हुई। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मृतक बच्चों ने भारत के नोएडा की मैरियन बायोटेक की निर्मित डॉक-1 मैक्स सिरप का सेवन किया था। बयान में कहा गया कि जांच में पाया गया कि मृत बच्चों ने हॉस्पिटल में एडमिट होने से पहले इस दवा का 2-7 दिन तक दिन में 3-4 बार बार सेवन किया।

आपको बता दें कि इसकी मात्रा 2.5-5 ML के बीच रही, जो बच्चों के लिए दवा की मानक खुराक से अधिक है। हालांकि बयान में सीधे तौर पर दवा में किसी तरह की गड़बड़ी का आरोप नहीं लगाया गया। बयान में कहा गया, 'चूंकि दवा में मुख्य रूप से पेरासिटामोल है, जिसे माता-पिता ने गलत तरीके से उपयोग किया या उन्होंने सीधे मेडिकल से इसे खरीद लिया या फिर ठंड विरोधी उपाय के रूप में इसे यूज किया।

जानकारों के अनुसार शुरूआती जांच से पता चला है कि डॉक-1 मैक्स सिरप की इस सीरीज में एथिलीन ग्लाइकॉल है। मंत्रालय ने इस कैमिकल का जिक्र करते हुए कहा कि एथिलीन ग्लाइकॉल एक जहरीला पदार्थ है। इस पदार्थ को लेने से उल्टी, बेहोशी, ऐंठन, हृदय की समस्या और किडनी फेलियर हो सकता है। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है।

 

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