
युवा अंतर्राष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने इतिहास रच दिया है। 19 साल की उम्र में उन्होंने FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतकर भारतीय शतरंज में नया मुकाम स्थापित किया। फाइनल मैच में उन्होंने अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को पराजित कर विश्व चैम्पियन बनीं ।
यह फाइनल पूरी तरह से भारतियों के बीच हुआ—पहली बार विश्व कप के फाइनल में दोनों खिलाड़ी भारत से थीं। दिव्या ने पहले क्लासिकल मैच में हम्पी को बराबरी पर रोक दिया और बाद में निर्णायक जगह पर टाई-ब्रेक मुकाबले में जीत दर्ज की ।
दिव्या की शानदार जीत ने उन्हें World Cup Champion बनाकर स्थापित किया, वहीं हम्पी को यह दिखाया कि अगली पीढ़ी कितनी ताकतवर हो सकती है। इस जीत से दोनों ही खिलाड़ी अगले साल होने वाले Women’s Candidates Tournament में क्वालीफाई हुई हैं ।
इस टूर्नामेंट में दिव्या ने अपने जोश और आक्रामक खेल से कई बड़ी नामी प्रतिद्वंद्वियों को मात दी—जिनमें शामिल हैं पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन तैन ज़ोंगई, हॉउ यीफ़ैन, और शीर्ष सीड ज़ू जिनेर । वहीं, कोनेरू ने चीनी खिलाड़ी ली तिंग्जी को रोमांचक टाई-ब्रेक मुकाबले में हरा कर फाइनल में जगह बनाई ।
दिव्या देशमुख, नागपुर की इस युवा स्टार ने इससे पहले जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप भी जीती है और वह अभी Woman Grandmaster (2021) और International Master (2023) हैं ।
इस ऐतिहासिक जीत से यह साफ दिखता है कि भारतीय महिला शतरंज विश्व मंच पर किस ऊँचाई पर पहुंच रही है। देशभर में युवा खिलाड़ी दिव्या के इस प्रदर्शन से प्रेरित महसूस कर रहे हैं।
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