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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनातनी एक बार फिर गरमा गई है, और इस बार मुद्दा है मैग्नेट (Magnets)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को चेतावनी दी है कि अगर वे दुर्लभ पृथ्वी मैग्नेट (Rare Earth Magnets) के निर्यात पर लगी पाबंदी नहीं हटाते, तो अमेरिका चीन पर 200% तक का भारी टैरिफ (Tariff) लगा सकता है।

मैग्नेट क्यों हैं इतने खास?

यह कोई आम मैग्नेट की बात नहीं है। ये वे खास मैग्नेट हैं जो दुर्लभ पृथ्वी तत्वों से बनते हैं और आज की आधुनिक टेक्नोलॉजी के लिए बेहद ज़रूरी हैं। चाहे वो इलेक्ट्रिक गाड़ियां (Electric Vehicles - EVs) हों, पवन चक्कियां (Wind Turbines), स्मार्टफोन, लैपटॉप हों, या फिर रक्षा क्षेत्र के उपकरण (Defense Equipment) जैसे मिसाइल और रडार सिस्टम – इन सबमें इन शक्तिशाली मैग्नेट का इस्तेमाल होता है. चीन इन दुर्लभ पृथ्वी तत्वों और इनसे बनने वाले मैग्नेट का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है

चीन की एक्सपोर्ट पाबंदी और अमेरिका का गुस्सा

हाल ही में, चीन ने इन मैग्नेट के निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लगाए थे. अमेरिका का कहना है कि चीन इस तरह से अपनी मोनोपॉली (एकाधिकार) का फायदा उठा रहा है और दूसरे देशों को, खासकर अमेरिका को, टेक्नोलॉजी के मामले में पीछे धकेलने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीधे तौर पर कहा है कि “उन्हें हमें मैग्नेट देने होंगे, वरना हम 200% टैरिफ लगा देंगे” यह कदम उन देशों के लिए भी एक संकेत है जो अमेरिकी कंपनियों पर डिजिटल टैक्स जैसी पाबंदियां लगा रहे हैं

इस धमकी के पीछे का मकसद

अमेरिका की यह धमकी सिर्फ मैग्नेट के निर्यात तक सीमित नहीं है। इसके पीछे का मकसद चीन पर दबाव बनाना है ताकि वह अपने निर्यात प्रतिबंधों को हटाए, अमेरिकी कंपनियों के लिए बाजार खोले, और साथ ही अमेरिका अपनी घरेलू उत्पादन क्षमता को बढ़ा सके यह अमेरिका की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह चीन पर निर्भरता कम करना चाहता है, खासकर उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जो राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए ज़रूरी हैं

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