उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने मानवता को झकझोर दिया है। कोतवाली क्षेत्र स्थित हिंद टायर गली में एक वृद्ध व्यक्ति और उनकी मानसिक रूप से अस्वस्थ बेटी को उनके ही घर में बंद करके रखा गया था। यह काम किया था उनके घरेलू कर्मचारियों ने, जो संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दे रहे थे।
मृतक के भाई ने खुलासा किया पूरा सच
जानकारी के मुताबिक, ओमप्रकाश सिंह राठौर, जो रेलवे से रिटायर्ड सीनियर क्लर्क थे, 2016 में अपनी पत्नी के निधन के बाद अपनी मानसिक रूप से अस्वस्थ बेटी रश्मि के साथ अकेले रहने लगे थे। उनकी देखभाल के लिए उन्होंने चरखारी निवासी रामप्रकाश कुशवाहा और उनकी पत्नी रामदेवी को नियुक्त किया था। लेकिन जल्द ही यह कर्मचारी दंपति पूरे घर पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे और दोनों को निचले कमरे में बंद कर दिया।
जानवरों जैसी जिंदगी जीने को मजबूर
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस दंपति ने वृद्ध ओमप्रकाश और उनकी बेटी को बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित कर दिया था। ऊपर के कमरों में आराम से रहने वाले नौकर दंपति ने पिता-पुत्री को भोजन तक देना बंद कर दिया। जब भी रिश्तेदार मिलने आते, उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता कि वे किसी से नहीं मिलना चाहते।
एक दर्दनाक और भयावह दृश्य
सोमवार को ओमप्रकाश की मृत्यु की खबर सुनकर जब उनके रिश्तेदार उनके घर पहुंचे तो उन्होंने वहां का भयावह दृश्य देखा। ओमप्रकाश का शरीर पूरी तरह से कंकाल सा हो गया था। वहीं, उनकी बेटी रश्मि अंधेरे कमरे में बहुत ही कमजोर हालत में पाई गई। उसकी हड्डियों तक को देख पाना मुश्किल था।
संपत्ति हड़पने के लिए की गई यह घिनौनी साजिश
मृतक के परिजनों का आरोप है कि यह सारा षड्यंत्र ओमप्रकाश और उनकी बेटी की संपत्ति को कब्जाने के लिए किया गया था। उनके घर और बैंक खातों पर कब्जा करने के लिए यह अमानवीय व्यवहार किया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ओमप्रकाश को मृत घोषित कर दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिवार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की
इस घटना के बाद रश्मि का इलाज उसके परिवार द्वारा किया जा रहा है। परिजन अब आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में किसी के साथ इस तरह की घिनौनी साजिश न की जा सके।
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