
Up Kiran, Digital Desk: 2026 में होने वाले फीफा विश्व कप के लिए अमेरिका के मेजबान शहरों ने अब इस मेगा-इवेंट के लिए अपनी योजनाओं का विस्तार करना शुरू कर दिया है। यह योजनाएं सिर्फ मैचों की मेजबानी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे टूर्नामेंट के बाद के दीर्घकालिक प्रभाव और विरासत (legacy) पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं। अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको के साथ मिलकर इस विश्व कप की मेजबानी करेगा, जिसमें अमेरिका के कई शहर प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
इन मेजबान शहरों ने अपनी "विरासत दृष्टि" (legacy vision) की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को शामिल किया गया है जो विश्व कप के आयोजन से उत्पन्न हो सकते हैं। उनका लक्ष्य सिर्फ एक बड़ा खेल आयोजन करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि इस आयोजन से शहरों और समुदायों को स्थायी लाभ मिलें।
इन योजनाओं में अक्सर खेल के बुनियादी ढांचे (infrastructure) को बेहतर बनाना, सामुदायिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देना, पर्यटन को बढ़ावा देना, और स्थिरता (sustainability) और पर्यावरण संरक्षण के उपायों को लागू करना शामिल होता है। शहरों का मानना है कि विश्व कप की मेजबानी से उन्हें इन क्षेत्रों में निवेश करने और सुधार लाने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।
विरासत की इस अवधारणा में युवा फुटबॉल कार्यक्रमों को विकसित करना, सार्वजनिक परिवहन और शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार करना, और विश्व कप से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय में जुड़ाव बढ़ाना भी शामिल हो सकता है।
अमेरिका के मेजबान शहरों की यह विरासत दृष्टि दर्शाती है कि वे 2026 फीफा विश्व कप को केवल एक खेल आयोजन के रूप में नहीं देख रहे हैं, बल्कि एक ऐसे उत्प्रेरक (catalyst) के रूप में देख रहे हैं जो उनके शहरों के भविष्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह योजनाएं यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं कि विश्व कप का प्रभाव मैचों की अंतिम सीटी बजने के बहुत बाद तक महसूस किया जाए।
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