Up Kiran, Digital Desk: टिहरी गढ़वाल के भिलंग इलाके में बसे छोटे से गांव धारगांव की ग्राम सभा में कुछ ऐसा हुआ जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। यहां पंचायत उपचुनाव में बीएड की छात्रा शिवानी राणा बिना किसी मुकाबले के ग्राम प्रधान चुन ली गईं। महज 21 साल की उम्र में वह टिहरी की सबसे कम उम्र की प्रधान बनकर उभरी हैं। गांव वालों की एकजुटता और शिवानी की लगन ने मिलकर यह संभव बनाया।
यह कहानी शुरू होती है इसी साल जुलाई में हुए नियमित पंचायत चुनाव से। शिवानी ने प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल किया था लेकिन जांच के दौरान उनकी उम्र की बाधा आ गई। उनका जन्म 16 अक्टूबर 2004 को हुआ था। उस वक्त वह 21 साल से ठीक तीन महीने कम थीं। नियमों के मुताबिक नामांकन खारिज हो गया। गांव वालों को निराशा हुई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सबने मिलकर फैसला किया कि शिवानी ही उनकी नेता होंगी। बस इंतजार था तो सिर्फ सही समय का।
16 अक्टूबर 2025 को शिवानी ने 21 साल पूरे किए और उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। नामांकन के आखिरी दिन तक सिर्फ शिवानी ने ही पर्चा भरा। कोई दूसरा उम्मीदवार मैदान में नहीं उतरा। ग्रामीणों की सहमति इतनी मजबूत थी कि चुनाव लड़ने की नौबत ही नहीं आई। गांव के लोग बताते हैं कि अगर भविष्य में यह सीट सामान्य महिला वर्ग में भी चली जाए तो भी उनका वोट शिवानी को ही मिलेगा। चार भाई बहनों में दूसरी संतान शिवानी के पिता विशाल सिंह राणा एक ड्राइवर हैं जबकि मां सुमित्रा राणा सरकारी प्राइमरी स्कूल में टीचर।
शिवानी की पढ़ाई का सफर भी कम दिलचस्प नहीं। पिछले साल उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी पूरा किया। अब वह बीएड की छात्रा हैं। सबसे खास बात यह कि प्रधान बनने के बाद भी वह अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ेंगी। वह कहती हैं कि दोनों जिम्मेदारियां साथ निभाएंगी। भविष्य में शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना उनका सपना है।
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