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Up kiran,Digital Desk : जब दुनिया के किसी कोने में जंग छिड़ती है, तो कहीं और बड़ी-बड़ी कंपनियों की तिजोरियां भरने लगती हैं। साल 2024 की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। एक तरफ यूक्रेन और गाजा में तबाही मची, तो दूसरी तरफ हथियार बनाने वाली कंपनियों ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की।

स्टॉकहोम की मशहूर संस्था SIPRI की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की 100 सबसे बड़ी हथियार कंपनियों की कुल कमाई 679 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। आसान भाषा में कहें तो, हथियारों का बाजार इतना गर्म है जितना पहले कभी नहीं था।

इस बड़े खेल में भारत भी पीछे नहीं

इस ग्लोबल रेस में भारत की तीन बड़ी सरकारी कंपनियां भी दुनिया के टॉप 100 की लिस्ट में अपनी जगह बनाए हुए हैं। यह हमारे देश के लिए एक बड़ी बात है।

  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL): 44वें नंबर पर।
  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL): 58वें नंबर पर।
  • मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स: 91वें नंबर पर।

इन तीनों कंपनियों की कमाई भी 8% से ज्यादा बढ़ी है, जिसका सीधा मतलब है कि भारत अब अपनी रक्षा जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम कर रहा है और खुद ही दमदार हथियार बना रहा है।

असली कमाई तो अमेरिका और यूरोप की हुई

  • अमेरिका: टॉप 100 में 30 कंपनियां अमेरिका की हैं। F-35 लड़ाकू विमान बनाने वाली लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियों ने मिलकर 334 अरब डॉलर कमाए।
  • यूरोप: रूस-यूक्रेन युद्ध के डर से यूरोप के देशों ने भी जमकर हथियार खरीदे। नतीजा यह हुआ कि वहां की कंपनियों की कमाई 13% बढ़कर 151 अरब डॉलर हो गई।

कहानी का सबसे दिलचस्प मोड़: चीन को लगा झटका!

जब पूरी दुनिया में हथियारों की बिक्री बढ़ रही थी, तब एक देश ऐसा भी था जिसे भारी नुकसान हुआ - और वो है चीन। सबको हैरान करते हुए, चीन की 8 बड़ी हथियार कंपनियों की कमाई 10% घट गई। इसकी सबसे बड़ी वजह चीन में चल रहा भ्रष्टाचार का बड़ा खेल बताया जा रहा है, जिसके चलते हथियारों के कई बड़े सौदे या तो रद्द कर दिए गए या टाल दिए गए।

बाकी दुनिया का क्या हाल है?

  • रूस: प्रतिबंधों के बावजूद रूस की हथियार कंपनियों की कमाई बढ़ी है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के लिए उन्हें अपनी सेना को हथियार देने पड़ रहे हैं। हालांकि, दूसरे देशों को हथियार बेचने में वे पिछड़ गए हैं।
  • इस्राइल: गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच इस्राइल की कंपनियों की हथियार बिक्री में भी 16% का उछाल आया है।

यह रिपोर्ट एक कड़वी सच्चाई दिखाती है कि युद्ध चाहे कहीं भी हो, यह कुछ लोगों के लिए हमेशा एक बहुत बड़ा और फायदेमंद कारोबार होता है।