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मध्य प्रदेश में इस साल दिवाली का जश्न कई परिवारों के लिए जिंदगी भर का दर्द बन गया. जिस खतरनाक 'कार्बाइड गन' को लोग पटाखा और खिलौना समझकर इस्तेमाल कर रहे थे, उसने ऐसा कहर बरपाया कि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए और 10 लोगों की आँखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई. इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद, मोहन यादव सरकार ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है.

सरकार ने लगाया तत्काल प्रभाव से बैन

राज्य के गृह विभाग ने दिवाली के बाद हुई इस भयानक त्रासदी को देखते हुए, प्रदेश में कार्बाइड गन की बिक्री और निर्माण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. यह आदेश राज्य में होने वाली ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए जारी किया गया है.

क्या है यह जानलेवा ‘खिलौना: कार्बाइड गन, जिसे 'कार्बाइड तोप' भी कहा जाता है, प्लास्टिक या लोहे का एक पाइप होता है. इसमें कैल्शियम कार्बाइड और पानी डाला जाता है, जिससे एसिटिलीन गैस बनती है. इस गैस को जब लाइटर या माचिस से जलाया जाता है, तो एक तेज धमाका होता है. इसका इस्तेमाल अक्सर किसान खेतों से जंगली जानवरों को भगाने के लिए करते हैं, लेकिन दिवाली के दौरान लोगों ने इसे पटाखे के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.

कैसे हुआ यह हादसा: डॉक्टरों के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में लोग जब इस गन में गैस जला रहे थे, तो वह उल्टी दिशा में फट गई (बैकफायर हो गई). धमाका चेहरे के बहुत पास होने के कारण, गन के टुकड़े और जलता हुआ केमिकल सीधा आंखों में घुस गया, जिससे लोगों की आंखें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं और कई मामलों में रोशनी चली गई.

यह फैसला एक कड़ा सबक है, जो बताता है कि त्योहार की खुशियों के बीच लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है. सरकार ने अब साफ कर दिया है कि इस तरह के खतरनाक 'खिलौने' की अब प्रदेश में कोई जगह नहीं है.