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2014 में देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद नरेंद्र मोदी चौथी बार चीन के दौरे पर गए, लेकिन इस बार उनका दौर कई मायनों में खास है. पीएम मोदी का यह दौरा भारत के लिहाज से तो नया है ही, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात ऐतिहासिक है. दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली अनौपचारिक विदेश यात्रा है.पीएम मोदी के इस असमान्य दौरे को यादगार बनाने के लिए चीन ने भी पूरी कोशिश की है. शुक्रवार को जब शी जिनपिंग पहली बार पीएम मोदी से मिले तो वहां के मशहूर हुबई म्यूजियम में पारंपरिक नृत्य प्रस्तुति के साथ उनका स्वागत किया गया. इसके बाद आज भी एक नए अंदाज में पीएम मोदी का स्वागत किया गया.

बॉलीवुड के गाने से स्वागत

चीन और भारत के बीच 1962 के युद्ध से पहले ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ का नारा काफी मशहूर था. लेकिन युद्ध के बाद हालात एकदम बदल गए और आज तक दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव सामने आता रहता है. 

शनिवार को दौर के दूसरे दिन जब पीएम मोदी वुहान में एक इवेंट में पहुंचे तो वहां का नजारा बेहद अलग था. पीएम मोदी के सामने कुछ कलाकारों ने 1982 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘ये वादा रहा’ के गाने की धुन बजाकर उनका स्वागत किया. इस गाने के बोल हैं ‘तू…तू है वही…दिल ने जिसे अपना कहा…’

ये धुन सुनकर पीएम मोदी काफी खुश दिखाई दिए. साथ ही उन्होंने ताली बजाकर कलाकारों की प्रशंसा भी की. इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी उनके साथ मौजूद रहे.

पीएम मोदी का चीन में इस तरह इस्तकबाल होना काफी अहम माना जा रहा है. यहां तक कि फिल्म ये वादा रहा के अभिनेता ऋषि कपूर ने भी इस पर खुशी जाहिर की है.

ऋषि कपूर ने क्या कहा

आजतक से बातचीत में अभिनेता ऋषि कपूर ने कहा है कि दोनों देश करीब आ जाएं तो इससे ज्यादा खुशी की बात क्या होगी. उन्होंने कहा, ‘अगर गाना पसंद आया है, पीएम मोदी के सामने पेश किया गया है तो ये अच्छी बात है. ये खुशी की बात है.’

शनिवार को मोदी और जिनपिंग ने ईस्ट लेक के किनारे नौका विहार किया और चाय पर चर्चा भी की. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि दोनों देशों ने परस्पर द्विपक्षीय संबंधों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर साथ बढ़ने का फैसला किया है. इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने की बात कही गई है. शायद शुक्रवार को यह गीत बजाकर चीन से भारत को यही संदेश दिया है. हालांकि, इस बैठक में कोई समझौता नहीं होना है, लेकिन दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने को लेकर यह बैठक अहम मानी जा रही है.