तमिलनाडु। तमिलनाडु में वन विभाग की टीम ने आदमखोर बाघ की खोज और तेज कर दी है। ये बाघ अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। वन विभाग की टीम इस बाघ को पकड़ने के लिए 13 दिनों से जंगल में भटक रही है लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है। गुरूवार को वन विभाग की टीम ने इस आदमखोर को पकड़ने के लिए नीलगिरी जिले के मसानगुडी और गुडालुर इलाके में अपना ऑपरेशन और भी तेज कर दिया है।
बता दें कि 4 लोगों का शिकार करने की सूचना के बाद इस बाघ को जाल में फंसाने का ऑपरेशन शुरू किया गया था। T23 कोड नेम से चलाए जा रहे इस ऑपरेशन में शामिल वन कर्मियों को ये आदमखोर बाघ लगभग 13 दिन से छका रहा है। इस बाघ ने महज 14 दिनों के भीतर 2 लोगों को मार डाला। इसके अलावा गुडालुर, मसीनागुडी और सिंगारा इलाके में 20 से अधिक पशुओं को भी अपना शिकार बना लिया। इस बाघ को पकड़ने के लिए तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के वन अधिकारी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
विभाग की टीम 2 प्रशिक्षित हाथी और खोजी कुत्तों की मदद ले रही है। इसके साथ ही आधुनिक ड्रोन से भी बाघ की गतिविधियों के बारे में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि बाघ को पकड़ना है उसे जान से नहीं मारना है। लिहाजा इसके बाद से 4 स्पेशल टीमें इस बाघ को जिंदा पकड़ने की कोशिश में लगी हुई हैं। इनके साथ चिकित्सकों की टीम भी भेजी गई है।