img

Up Kiran, Digital Desk: प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का एक बहुत ही खूबसूरत दौर होता है, लेकिन इस दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी आ सकती हैं, जिनमें से एक है जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes)। यह एक तरह का डायबिटीज है जो कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के हॉर्मोन्स शरीर में इंसुलिन के काम में रुकावट डालते हैं, जिससे खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है।

अक्सर महिलाएं सोचती हैं कि इसका असर सिर्फ उन पर पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। माँ के खून में बढ़ा हुआ शुगर बच्चे पर भी कई तरह से असर डाल सकता है। इसलिए, इस स्थिति को कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी हो जाता है। आइए जानते हैं कि जेस्टेशनल डायबिटीज होने पर बच्चे को क्या-क्या खतरे हो सकते हैं।

जेस्टेशनल डायबिटीज से बच्चे को होने वाले खतरे:

1. बच्चे का वज़न ज़रूरत से ज़्यादा होना
जब माँ के खून में शुगर ज़्यादा होता है, तो यह प्लेसेंटा के ज़रिए बच्चे तक भी पहुंचता है। इससे बच्चे का शरीर ज़्यादा इंसुलिन बनाने लगता है, जिससे उसके शरीर में फैट जमा होने लगता है और उसका आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है। इस वजह से डिलीवरी के समय मुश्किलें आ सकती हैं और बच्चे को जन्म के समय चोट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।

2. समय से पहले जन्म का खतरा (Premature Birth)
जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण कई बार लेबर पेन समय से पहले ही शुरू हो जाता है, जिससे बच्चे का जन्म जल्दी हो सकता है। समय से पहले जन्मे बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते, उन्हें शरीर का तापमान बनाए रखने में दिक्कत होती है और दूध पीने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

3. जन्म के बाद सांस लेने में दिक्कत
जिन बच्चों की माँ को जेस्टेशनल डायबिटीज होता है, उन्हें जन्म के बाद सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, जिसे 'रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम' कहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि माँ के खून में ज़्यादा शुगर होने की वजह से बच्चे के फेफड़ों का विकास धीमा हो सकता है, भले ही उसका जन्म समय पर ही क्यों न हुआ हो।

4. जन्म के बाद बच्चे का ब्लड शुगर कम होना
प्रेग्नेंसी के दौरान माँ के हाई ब्लड शुगर के कारण बच्चे का शरीर ज़्यादा इंसुलिन बनाना सीख जाता है। लेकिन जन्म के बाद, जब उसे माँ से शुगर मिलना बंद हो जाता है, तब भी उसका शरीर ज़्यादा इंसुलिन बना रहा होता है। इस वजह से जन्म के तुरंत बाद बच्चे का ब्लड शुगर लेवल अचानक से बहुत कम हो सकता है, जिसके लिए तुरंत मेडिकल मदद की ज़रूरत 

5.भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जिन बच्चों की माँओं को जेस्टेशनल डायबिटीज रहा हो, उन्हें बड़े होकर टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा दूसरों के मुकाबले ज़्यादा होता है। इसका कारण जेनेटिक होने के साथ-साथ गर्भ में मिला वातावरण भी माना जाता है।

--Advertisement--