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Up Kiran Digital Desk: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को झकझोर दिया, बल्कि दक्षिण एशिया की कूटनीति और सुरक्षा संतुलन को भी नई दिशा दे दी है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत की जवाबी कार्रवाइयों से पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है। जबकि भारत ने अभी तक आधिकारिक रूप से किसी सैन्य कार्रवाई की पुष्टि नहीं की है, मगर ज़मीनी हकीकत और सोशल मीडिया पर सामने आ रहे वीडियो पाकिस्तान की कमजोर स्थिति को उजागर कर रहे हैं।

जंग का डर: पाकिस्तान की रणनीतिक बेचैनी

भारत के आक्रामक रुख और कूटनीतिक दबाव के बीच पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है। सरकार और सेना के बीच तालमेल की कमी साफ दिख रही है। देश के कई हिस्सों में सेना ने हाई अलर्ट घोषित किया है, और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में नागरिकों को शरण स्थलों में भेजा जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान इस समय युद्ध जैसी स्थिति से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में जुटा है। मगर न तो चीन खुलकर साथ आ रहा है, और न ही अमेरिका या ओआईसी से अब तक कोई ठोस आश्वासन मिला है। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि "आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई भारत का संप्रभु अधिकार है।"

तालिबान ने किया पाक सेना का अपमान, वीडियो वायरल

तनाव के इस माहौल में पाकिस्तान के लिए सबसे शर्मनाक स्थिति तब पैदा हुई जब डूरंड लाइन (पाक-अफगान सीमा) पर तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

वीडियो में तालिबान के लड़ाके पाकिस्तानी सेना के करीब 50 जवानों को वर्दी और पतलून उतारने के लिए मजबूर करते नजर आते हैं। घटना की पुष्टि तो आधिकारिक रूप से नहीं की गई है, मगर कई स्वतंत्र अफगानी पत्रकारों और क्षेत्रीय विश्लेषकों ने वीडियो की प्रमाणिकता को लेकर संकेत दिए हैं कि घटना हाल ही की हो सकती है।

इस शर्मनाक वाकये ने पाकिस्तान की सेना की जमीनी पकड़ और मनोबल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर भारत से युद्ध की धमकी, दूसरी ओर तालिबान का अपमान — ये पाकिस्तान के लिए दोतरफा संकट बनता जा रहा है।


 

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