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Up Kiran, Digital Desk: इस साल कपास किसानों के लिए सरकार ने एक बड़ी तैयारी की है। खरीफ कपास सीज़न 2025-26 शुरू होने से पहले, सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए अब तक के सबसे ज़्यादा, 550 कपास खरीद केंद्र खोले हैं। ये केंद्र उन सभी 11 राज्यों में बनाए गए हैं जहाँ कपास की खेती होती है। इसका मकसद यह है कि जब फसल बाज़ार में आए, तो किसानों को उसे बेचने के लिए भटकना न पड़े और खरीद का काम आसानी से हो सके।

कपड़ा मंत्रालय की सचिव, नीलम शमी राव ने खुद सभी राज्यों के अधिकारियों और भारतीय कपास निगम (CCI) के साथ मिलकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होने वाली खरीद की तैयारियों का जायजा लिया है। सरकार का पूरा ज़ोर इस बात पर है कि खरीद का तरीका पारदर्शी हो, काम तेजी से हो और किसानों को कोई परेशानी न हो।

कब और कहाँ शुरू होगी खरीद?

फसल पकने के समय को ध्यान में रखते हुए, अलग-अलग इलाकों के लिए खरीद की तारीखें तय की गई हैं:

किसानों की मदद के लिए क्या है खास?

किसानों की मदद के लिए 'कपास-किसान' नाम का एक मोबाइल ऐप भी बनाया गया है। इस ऐप के ज़रिए किसान:

सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे किसानों को इस ऐप के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी दें, ताकि वे इसका पूरा फायदा उठा सकें।

पैसा सीधे बैंक खाते में आएगा

सरकार ने यह भी साफ़ कर दिया है कि पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी। किसानों को उनकी फसल का पैसा सीधे उनके आधार कार्ड से जुड़े बैंक खाते में भेजा जाएगा। जैसे ही बिल बनेगा और जब पैसा खाते में भेजा जाएगा, तो हर कदम पर किसान को SMS के ज़रिए सूचना मिलती रहेगी।

किसानों से अपील की गई है कि वे 31 अक्टूबर तक इस ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन ज़रूर पूरा कर लें, ताकि उन्हें MSP का लाभ मिल सके। जिन किसानों ने पहले से राज्यों के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है, उनसे भी कहा गया है कि वे इस नए ऐप पर अपनी जानकारी एक बार जांच लें।

कोई समस्या हो तो यहाँ करें संपर्क

हर खरीद केंद्र पर नज़र रखने के लिए स्थानीय निगरानी समितियां बनाई गई हैं। इसके अलावा, भारतीय कपास निगम (CCI) ने किसानों की समस्याओं को तुरंत सुलझाने के लिए व्हाट्सएप हेल्पलाइन भी शुरू की है।

सरकार ने सभी कपास किसानों को सलाह दी है कि वे मजबूरी में अपनी फसल कम दाम पर बेचने से बचें और समय पर अपना रजिस्ट्रेशन कराकर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाएं।