
सना (यमन)/कोच्चि: केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया, जिन पर यमन में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है, उन्हें यमन की सजा-ए-मौत की कगार पर रखा गया है। गिरफ्तारी 2017 में हुई, दोषसिद्धि के बाद 2020 में मौत की सजा सुनाई गई, जो अब 16 जुलाई 2025 को लागू होने वाली है ।
निमिषा का बचपन कोल्लेंगोड़े में बीता। वर्ष 2008 में उन्होंने सना, यमन में एक सरकारी अस्पताल में नर्स के रूप में जॉब ज्वॉइन की। 2015 में उन्होंने तलाल के साथ “अल-अमान मेडिकल क्लिनिक” खोला। परिवार का आरोप है कि तलाल ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया, और पैसे में अनियमितताएं कीं ।
एक दिन जब निमिषा ने पासपोर्ट वापस मांगने की कोशिश की, तो उन्होंने उन्हें बेहोश करने के लिए दर्द बोधक इंजेक्शन दे दिया। इंजेक्शन अधिक मात्रा में देने से तलाल की मौत हो गई। दहशत में आते हुए उन्होंने शरीर टैंक में फेंक दिया। बाद में दोनों भागने की कोशिश में गिरफ्तार हो गईं ।
न्यायालय ने 2020 में उन्हें सजा दी और 2023 में यमन कोर्ट ने अपील खारिज की। हालांकि “दीया” या “ब्लड मनी” का विकल्प अभी खुला हुआ है, जिसके तहत पीड़ित परिवार की सहमति और मुआवजे से सजा टाली जा सकती है ।
भारत सरकार सक्रिय है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे “सभी संभव सहायता” प्रदान कर रहे हैं । 2023 में $40,000 भेजे गए, लेकिन वार्ता रुक गई क्योंकि मध्यस्थ वकील की फीस नहीं चुकाई गई । जनवरी 2025 में ईरान ने भी हुती विद्रोही नेटवर्क के जरिए मध्यस्थता की पेशकश की ।
केरल में राजनीतिक सामाजिक जागरूकता बढ़ी है—सीपीएम एमपी के. राधाकृष्णन ने प्रधान मंत्री को तुरंत हस्तक्षेप के लिए पत्र लिखा है । "यह मामला मानवीय संकट बन चुका है", उन्होंने कहा।
इसके अतिरिक्त, भारत में “सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल” ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई फांसी से दो दिन पहले, 14 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है ।
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