img


PM Modi Russia visit: पीएम मोदी हाल ही में दो दिवसीय रूस दौरे पर गए। यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा, जलवायु और अनुसंधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में 9 समझौतों पर सौदा पक्का किया। इसमें 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी शामिल हैं। ये परियोजनाएं रूस की मदद से भारत में स्थापित की जाएंगी। रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी भारत को रोसाटॉम परियोजना स्थापित करने में मदद करेगी। एजेंसी ने पहले कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) स्थापित करने में मदद की है।

जानें किन समझौतों पर लगी मुहर

भारतीय पीएम और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में अलग अलग मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. इस बीच, रोसाटॉम ने भारत को छह नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने में मदद करने की पेशकश की। इसके साथ साथ रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने फार्मा, जहाज निर्माण और शिक्षा क्षेत्रों में भारत के साथ समझौते पर मुहर लगाई। रोसाटॉम ने एक बयान में कहा कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर भारत के साथ चर्चा हुई. इसके अनुसार, भारत में रूसी डिजाइन के 6 उच्च शक्ति परमाणु ऊर्जा संयंत्र और कुछ छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

इस बीच, इस साल मई में रोसाटॉम ने भारत को फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट (एफएनपीपी) बनाने और संचालित करने की तकनीक की पेशकश की। दिलचस्प बात ये है कि रूस दुनिया का एकमात्र मुल्क है जिसके पास तैरता हुआ परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। परमाणु परियोजना अकादमिक लोमोनोसोव जहाज पर बनाई गई है। पेवेक, रूस में बिजली की आपूर्ति एक तैरते परमाणु ऊर्जा संयंत्र द्वारा की जाती है। रूस के अलावा कोई अन्य देश अभी तक तैरते हुए परमाणु ऊर्जा संयंत्र की तकनीक विकसित नहीं कर सका है। इस प्रकार का संयंत्र दूरदराज के क्षेत्रों या अपतटीय द्वीपों तक भी निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान कर सकता है।

रूस और भारत ने उत्तरी समुद्री मार्ग विकसित करने पर भी बात की। यह समुद्री मार्ग रूस-नॉर्वे सीमा के पास मरमंस्क से पूर्व की ओर अलास्का के पास बेरिंग जलडमरूमध्य तक फैला है। यह समुद्री मार्ग रूसी तेल, कोयला और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। रूस को 2030 तक एनएसआर के माध्यम से 150 मिलियन मीट्रिक टन परिवहन की उम्मीद है।

कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। यह तमिलनाडु राज्य के तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में स्थित है।

कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र से 6000 मेगावाट बिजली पैदा करने की योजना है। संयंत्र में छह वीवीईआर-1000 रिएक्टर रूसी राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी एटमस्ट्रॉयएक्सपोर्ट और न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के सहयोग से बनाए जाएंगे। इनमें से दो परमाणु रिएक्टर बनकर तैयार हो चुके हैं और यहां से बिजली उत्पादन भी किया जाता है।

--Advertisement--