
Up Kiran, Digital Desk: आज जब भारत और पाकिस्तान एक बार फिर एशिया के सबसे बड़े क्रिकेट खिताब के लिए आमने-सामने हैं, तो हर फैन के दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। यह सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट मुकाबले की बादशाहत की जंग है।
लेकिन आज के इस महामुकाबले से पहले, क्या आपको याद है कि जब आखिरी बार ये दोनों टीमें किसी T20 टूर्नामेंट के फाइनल में भिड़ी थीं, तो क्या हुआ था? चलिए, आपको ले चलते हैं 18 साल पीछे, उस ऐतिहासिक दिन की यादों में, जिसने भारतीय क्रिकेट को हमेशा के लिए बदल दिया।
साल 2007... पहला T20 वर्ल्ड कप... और धोनी के युवा शेर
यह T20 वर्ल्ड कप का सबसे पहला संस्करण था। भारत अपनी एक युवा टीम के साथ मैदान में उतरा था, जिसकी कप्तानी एक नए- नवेले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी। किसी ने उम्मीद नहीं की थी, लेकिन यह युवा टीम दुनिया को चौंकाते हुए फाइनल तक पहुँच गई, जहाँ उसका सामना था उसके सबसे बड़े दुश्मन, पाकिस्तान से।
जोहान्सबर्ग के मैदान पर, पहले भारत ने की बल्लेबाज़ी...
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया। टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन एक छोर पर गौतम गंभीर चट्टान की तरह डटे रहे। उन्होंने 54 गेंदों में 75 रनों की एक बेशकीमती पारी खेलकर टीम को संभाला। अंत के ओवरों में रोहित शर्मा ने सिर्फ़ 16 गेंदों में 30 रन ठोककर भारत को 157/5 के एक लड़ने लायक स्कोर तक पहुँचाया।
जवाब में पाकिस्तान, और वो आखिरी ओवर का ड्रामा...
158 रनों का पीछा करते हुए पाकिस्तान की शुरुआत भी खराब रही। लेकिन एक छोर पर, उनके सबसे अनुभवी बल्लेबाज़ मिस्बाह-उल-हक़ अकेले ही मैच को खींच रहे थे। लड़ते-लड़ते, वह मैच को आखिरी ओवर तक ले आए।
आखिरी ओवर, 13 रन, 1 विकेट... और धोनी का वो 'जुआ'
पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी 6 गेंदों में 13 रन चाहिए थे और उनके हाथ में सिर्फ एक विकेट बाकी था। क्रीज़ पर थे आग उगल रहे मिस्बाह। सबको उम्मीद थी कि धोनी गेंद अपने सबसे अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह को देंगे। लेकिन धोनी ने सबको चौंका दिया! उन्होंने गेंद थमा दी एक अनजान से, अनुभवहीन गेंदबाज़ जोगिंदर शर्मा को। यह एक ऐसा फैसला था जो या तो धोनी को हीरो बना देता, या जीरो।
पहली गेंद: वाइड! दबाव जोगिंदर पर बढ़ गया।
अगली गेंद (पहली लीगल): डॉट बॉल! थोड़ी राहत।
दूसरी गेंद: मिस्बाह ने एक monstrous छक्का जड़ दिया! पूरा स्टेडियम गूंज उठा। ऐसा लगा, मैच भारत के हाथ से निकल गया।
अब चाहिए थे 6 रन 4 गेंदों पर।तीसरी गेंद: मिस्बाह ने एक ऐसा शॉट खेलने की कोशिश की जो या तो उसे हीरो बना देता, या जीरो। उन्होंने गेंद को विकेटकीपर के ऊपर से स्कूप कर दिया... गेंद हवा में थी... और शॉर्ट फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत के हाथों की तरफ जा रही थी…
और इसी के साथ, भारत 5 रनों से वो फाइनल जीत गया और T20 का पहला वर्ल्ड चैंपियन बन गया! वो एक ऐसा पल था, एक ऐसी जीत थी, जिसे आज 18 साल बाद भी कोई भारतीय क्रिकेट फैन भूल नहीं पाया है।