Congress yatra: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने आज से 'दिल्ली न्याय यात्रा' शुरू की है। राजघाट से शुरू हुई इस यात्रा का मकसद अगले एक महीने में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों और 250 नगर निगम क्षेत्रों में जनता से सीधा संवाद करना है। ये यात्रा राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' और कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' से प्रेरित है। ये यात्रा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के नेतृत्व में आयोजित की गई है, जिसे अगले साल फरवरी में संभावित विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है।
न्याय यात्रा का मकसद एवं योजना
'दिल्ली न्याय यात्रा' पूरी तरह से एक पदयात्रा है, जिसमें हर दिन 200 नियमित यात्री शामिल होंगे, जो पूरे 30 दिनों तक दिल्ली की सड़कों पर घूमकर जनता की समस्याएं सुनेंगे और उनके समाधान के लिए पार्टी का विजन साझा करेंगे। यात्रा के पहले दिन यह राजघाट से शुरू हुई और चांदनी चौक, मटिया महल, हौज काजी और बल्लीमारान जैसे इलाकों से होते हुए आगे बढ़ी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव का कहना है कि इस यात्रा का मकसद दिल्ली की जनता के वास्तविक मुद्दों को जानना और उनकी आवाज उठाना है। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि दिल्ली में उनकी राजनीतिक पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है और इस यात्रा के जरिए लोगों के बीच अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है।
खोई राजनीतिक जमीन वापस पाने का प्रयास
दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य पिछले कुछ सालों से कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ आठ सीटें मिली थीं, जबकि 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। इस दौरान शीला दीक्षित समेत कई बड़े नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा। अब इस यात्रा के जरिए कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है, ताकि वह दिल्ली में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा सके।
यात्रा का महत्व
दिल्ली कांग्रेस को उम्मीद है कि इस यात्रा के जरिए वह जनता के बीच समर्थन जुटा पाएगी, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में वह बेहतर प्रदर्शन कर सके। कांग्रेस का मानना है कि इस यात्रा के जरिए वह जनता के असल मुद्दों को सामने लाकर दिल्ली सरकार पर दबाव बना सकती है और खुद को एक बेहतर विकल्प के तौर पर पेश कर सकती है।
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