Up Kiran , Digital Desk: पंजाब के बरनाला जिले के रहने वाले 60 वर्षीय अवतार सिंह ने यह साबित कर दिया है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। 1982 में मैट्रिक पास करने वाले अवतार सिंह ने अब 12वीं की परीक्षा 72% अंकों के साथ उत्तीर्ण की है और खास बात यह कि उन्होंने अपने बेटे से तीन प्रतिशत ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
बेटे से मिली प्रेरणा, समाजसेवियों से मिला साथ
अवतार सिंह के मुताबिक, उन्होंने 10वीं के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण पढ़ाई छोड़ दी थी। उस समय नौकरी के लिए मैट्रिक ही काफी मानी जाती थी। पर वर्षों बाद उनके बेटे ने जब 12वीं में दाखिला लिया, तो पिता ने खुद भी शिक्षा की राह दोबारा पकड़ने का फैसला किया।
इस सफर में उन्हें सामाजिक कार्यकर्ता सुखविंदर कौर खोसा (बठिंडा) और सुखपाल कौर बाथ (बरनाला) का मार्गदर्शन मिला। दोनों समाजसेवियों ने न केवल उन्हें पढ़ाई में मदद की, बल्कि मनोबल भी बढ़ाया। परिणामस्वरूप, अवतार ने 12वीं की परीक्षा में शानदार 72% अंक हासिल किए, जबकि उनके बेटे को 69% अंक मिले।
एक साथ करेंगे ग्रेजुएशन
अब अवतार सिंह और उनका बेटा दोनों पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला से स्नातक की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। यह दृश्य केवल एक पारिवारिक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती।
अपनी सफलता पर बोलते हुए अवतार सिंह ने कहा कि शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती। अगर मन में इच्छा और संकल्प हो, तो इंसान किसी भी मोड़ पर पढ़ाई शुरू कर सकता है। मेरा सपना अब ग्रेजुएशन करने का है। उनकी बातों में आत्मविश्वास था, चेहरे पर गर्व और आंखों में आगे बढ़ने की चमक।
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